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साधारण जीवनशैली के बजाय कानपुर का कानूनगो निकला करोड़पति

पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक :

यूपी के कानपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आलोक दुबे नामक इस राजस्व अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली। इसपर डीएम ने कानूनगो आलोक दुबे को पदावनत कर लेखपाल बना दिया ।

यूपी के राजस्व विभाग में बड़ा खुलासा हुआ है। कानपुर में जमीनी विवाद में फंसे एक कानूनगो पर अभिलेखों में फेरबदल करने का आरोप लगा है। सरकारी मशीनरी में घुसे भ्रष्ट अफसर पूरे तंत्र को बदनाम कर रहे हैं। विवादित जमीन सौदे में मिलीभगत और दस्तावेजों में हेराफेरी करने वाले कानूनगो आलोक दुबे पर कानपुर डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बड़ी कार्रवाई की है। जिस पद पर काम करने वाले को आमतौर पर मामूली सैलरी और साधारण जीवनशैली से जोड़ा जाता है, वहीं कानपुर का आलोक दुबे (कानूनगो ) नकरोड़पति निकला।

जांच में पाया गया कि आलोक दुबे ने 41 भू-संपत्तियां खरीदी थीं। जिनका बाजार मूल्य लगभग 30 करोड़ रुपए है। इस मामले में हैरान करने वाली बात है कि एक ही दिन में वरासत और बैनामा कराने और निजी कंपनी को बेचने को बेचने की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने इस मामले में कार्रवाई की है । विवादित जमीनों के सौदों में कानूनों आलोक दुबे को दोषी पाए हुए लेखपाल बना दिया गया। सहायक महानिरीक्षक निबंधन की रिपोर्ट में आलोक दुबे और उनके परिवार वालों के नाम पर 41 संपत्तियों की रजिस्ट्री मिली है। जिनकी बाजार कीमत 30 करोड़ रुपए आंकी गई है। जिसमें से 8.62 हेक्टेयर जमीन उन्होंने स्वयं और क्षेत्रीय लेखपाल अरुणा द्विवेदी के नाम पर खरीदी है।

योगी सरकार ने उसे कानूनगो से डिमोट कर लेखपाल बना दिया और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी।

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