पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक
बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर को कई यूजर्स ने सोशल मीडिया पर ट्रोल किया है। हालांकि, वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं, जहां वह किसी भी मुद्दे पर बेझिझक अपनी राय रखती हैं। बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने शादी के बाद से ही फिल्मों से दूरियां बनाई हुई हैं। लेकिन आजकल सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है। स्वरा के पोस्ट शेयर करते ही यूजर्स ने उनको ट्रोल करना शुरू कर दिया।
इसी बीच अब स्वरा ने बार फिर कुछ ऐसा पोस्ट कर दिया है कि वह ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई हैं। उन्होंने हाल ही में गाजा और फलस्तीन के समर्थन में निकलने वाली एक रैली का पोस्टर शेयर किया है। यह रैली 18 जून को मुंबई के आजाद मैदान में निकलने वाली है। उस पोस्ट में उन्होंने लोगों से गुजारिश की गई है कि वह गाजा और फलस्तीन के समर्थन में मुंबई के आजाद मैदान में जमा हों। प्रोग्राम का आयोजन कई पार्टियां मिल कर कर रही हैं। जो पार्टियां इसका आयोजन कर रही हैं उनमें सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल) लिबरेशन और समाजवादी पार्टी शामिल हैं।
स्वरा ने एक बार फिर एक ऐसा मुद्दा छेड़ दिया है, जिसपर बहस शुरू हो गई है। स्वरा भास्कर को कई लोगों ने फलस्तीन का पक्ष लेने के लिए उनको ट्रोल किया। उन्होंने पोस्टर में लोगों से मांग की गई है कि वह ‘गाजा में इजरायली नरसंहार की निंदा करें’। इसके अलावा इजरायल-फलस्तीन संघर्ष पर भारत के आधिकारिक रुख में बदलाव की मांग की गई है। सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए स्वरा भास्कर ने लिखा ‘मुंबई, 18 जून को फलस्तीन के लिए अपना समर्थन दिखाएं।’ इसके बाद पोस्ट पर यूजर्स के रिएक्शन आने लगे। यूजर्स ने उन पर इल्जाम लगाया कि वह इंटरनेशनल मुद्दों का राजनीतिकरण कर रही हैं।
स्वरा को कुछ यूजर्स ने खूब सारी फटकार लगाई तो कुछ ने लिखी ये बाते _किसी ने लिखा ‘पहलगाम के लिए तो ये सब नहीं किया?’ तो किसी ने लिखा ‘मुंबई पहलगाम के पीड़ितों के लिए आवाज उठाएं, तो कभी नहीं बोला इसने।’ एक यूजर तो ‘फलस्तीन जाकर लड़ने का इंडिया दे डाला और साथ ही कहा मुंबई में इस तरह का कार्यक्रम करने का कोई फायदा नहीं।’ एक यूजर ने कहा है तुम वहां जाकर उनका सपोर्ट क्यों नहीं करती हो?’कई लोगों ने पूछा कि वह कई दूसरे वैश्विक मुद्दों पर खामोश क्यों रहती हैं? एक और यूजर ने कटाक्ष करते हुए लिखा, ‘ईरान के लिए न्याय की मांग कब शुरू कर रही हैं आप?’
फिलहाल यह पहली बार नहीं है जब स्वरा ने वैश्विक मुद्दे पर अपनी बात रखी है। उन्होंने पहले भी शरणार्थियों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के मुद्दों के लिए आवाज उठाई है। इसके लिए उन्हें अक्सर तारीफ और नाराजगी दोनों का सामना करना पड़ा है।
