पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक
अयोध्या के राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का मामला सामने आया है। एक मरीज को 10 घंटे में लगने वाली ड्रिप 15 मिनट में लगा दी गई। इससे मरीज की हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। जांच के लिए कमिटी का गठन किया गया है। माना जा रहा है कि कमिटी को 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
लोगो का कहना है कि मृतक के परिजन अगर मेडिकल के जानकार थे। अगर मृतक के परिजन मेडिकल के जानकार न होते तो इस तरह की लापरवाही कभी सामने नहीं आ सकती थी। क्योंकि सामान्य व्यक्ति को बोतल के चढ़ाने को लेकर निर्धारित समय के बारें में जानकारी सामान्यतया नहीं रहती है। अगर ड्रिप चढ़ाने में गलती हो गई थी फिर भी अगर कालेज के स्टाफ व चिकित्सक तुरंत एक्टिव होते, तो शायद मरीज की जान बच सकती थी।
राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में दो स्टाफ नर्सों और वॉर्ड बॉय को निलंबित कर दिया गया है। इसमें आउटसोर्स पर तैनात स्टाफ नर्स संगीता पाल व सुमन पाल की सेवाएं जांच रिपोर्ट आने तक बाधित कर दी गई हैं। उस समय मौजूद वार्ड व्याय को मौके से हटा दिया गया है। उन पर आरोप है कि 10 घंटे में चढ़ाई जाने वाली ड्रिप महज 15 मिनट में लगा दी गई, जिससे मरीज की हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई।
बेटे का कहना कि कालेज में इलाज के दौरान 10 घंटे में चढ़ाई जाने वाली ड्रिप को मात्र 15 मिनट में चढ़ा दिया गया जिससे पिता की हालत खराब हो गई। पिता की तबियत खराब होने के बाद मैं अस्पताल के चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ के पास चक्कर लगाता रहा। लेकिन कोई भी देखने के लिए नहीं आया। जिसके कारण उनकी मौत हो गई। घटना को लेकर मौके पर काफी भीड़ जमा हो गई। शुक्रवार की देर शाम तक मरीज के परिजन मेडिकल कालेज में आक्रोश व्यक्त करते रहे। इसके बाद प्रिसिंपल डा. सत्यजीत वर्मा ने मौके पर जाकर स्थिति को सम्भाला।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ़ सत्यजीत वर्मा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमएस डॉ. अरविंद सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है। जांच कमेटी को दो दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। कमिटी को 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। शनिवार को मरीज का पोस्टमार्टम किया गया।
