Saturday , June 7 2025

ईदगाहों और मस्जिदों में तैनात रहेगी पुलिस

पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक

बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा कहा जाता है, 2025 में भारत में 7 जून को मनाई जाएगी। यह पैगंबर इब्राहीम की अल्लाह के प्रति भक्ति और कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। बकरीद का त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाने के लिए यूपी में पुलिस ने तैयारी की है।प्रमुख ईदगाहों के अलावा कई छोटी-बड़ी मस्जिदों में नमाज अदा की जाएगी। बकरीद का त्योहार 7 जून को देश भर में मनाया जाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं।

जिलों के कप्तानों को कानून व्यवस्था के मद्देनजर डीआईजी ने ईदगाह और सभी संवेदनशील स्थानों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। शांतिपूर्वक नमाज के लिए जिलों में एएसपी, सीओ, इंस्पेक्टर, दरोगा, हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल, होमगार्ड व पीआरडी के जवान और दो कंपनी पीएसी की ड्यूटी लगाई गई है। डीआईजी ने कहा कि किसी भी प्रकार का कोई गैर परंपरागत कार्य न हो, इसके लिए थाना प्रभारी व चौकी इंचार्ज की जवाबदेही होगी। जिलों के कप्तान धार्मिक स्थलों पर निगरानी रखेंगे और धार्मिक स्थलों व आस-पास के क्षेत्रों में समुचित पुलिस बल तैनात करेंगे।


बकरीद पर बवाल न हो और यूपी में सुरक्षा के लिए डीआईजी ने यह निर्देश देते हुए कहा सभी जनपदों में सोशल मीडिया सेल को सतर्क किया जाए। प्रत्येक मस्जिद में ईद-उल-अजहा की पूर्व रात्रि में सतर्क दृष्टि रखी जाए ताकि असामाजिक तत्वों द्वारा किसी प्रकार की अफवाहें मस्जिदों या उसके आस-पास न फैलाई जाए। संवेदशील क्षेत्रों व मार्गों पर यूपी 112 के वाहनों का रूट मैप तैयार कर लिया जाए। सभी जनपदों में टीम गठित कर सुबह सभी धार्मिक स्थलों की नियमित चेकिंग की जाए। ड्रोन कैमरे के माध्यम से भी मिश्रित एवं संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी की जाए।

संरक्षित पशुओं की खुले स्थानों पर कुर्बानी न हो इसके मद्देनजर विशेष सतर्कता बरती जाए। आवश्यकतानुसार सांप्रदायिक हॉटस्पाट पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट और पुलिस तैनात किए जाएं। संवेदनशील और मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों की ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाए और अधिक से अधिक पैदल गश्त की जाए।सभी सांप्रदायिक विवादों पर कड़ी नजर रखी जाए। महत्वपूर्ण गतिविधियों और भीड़भाड़ वाले स्थानों का सीसीटीवी कैमरे लगाए जाए।

सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों पर सतर्क दृष्टि रखी जाए। झूठी और भ्रामक सूचना प्रसारित होने पर तत्काल उसका प्रभावी खंडन किया जाए। असामाजिक तत्वों की सूची तैयार करके आवश्यकता पड़ने पर इन इनके विरुद्ध कड़ी निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। पिछले वर्षों में प्रकाश में आए सभी विवादों और घटनाओं की समीक्षा कर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए।

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