मॉस्को एयरपोर्ट के आसपास भटकती रही भारतीय प्रतिनिधिमंडल की फ्लाइट

पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक

रूसी अधिकारियों के मुताबिक आधी रात से मॉस्को की ओर उड़ रहे 23 ड्रोन को हवा में ही मार गिराया गया है। माना जा रहा है कि ये ड्रोन हमला यूक्रेन ने किया है।तीन साल से ज्यादा समय से यूक्रेन और रूस के बीच जंग चल रहा है, जो अभी भी निर्यायक मोड़ पर नहीं पहुंचा है। यूक्रेन अकसर रूस के अलग अलग हिस्सों पर ड्रोन हमले करता रहता है।

मॉस्को एयरपोर्ट पर ड्रोन अटैक के बाद एयरपोर्ट पर अफरातफरी की स्थिति मच गई जिसके बाद मॉस्को एयरपोर्ट पर ट्रैफिक काफी देर तक बाधित रहा। और लैंडिंग का इंतजार कर रहे विमानों को एयरपोर्ट पर उतरने की अनुमति अस्थायी रूप से नहीं दी गई। मॉस्को एयरपोर्ट ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ानों को कई घंटों के लिए निलंबित कर दिया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस की यात्रा पर गया भारतीय प्रतिनिधिमंडल की फ्लाइट भी मॉस्को एयरपोर्ट के आसपास काफी देर तक भटकती रही। सांसद कनिमोझी करुणानिधि को ले जा रहा विमान उतर नहीं सका और उसे हवा में चक्कर लगाने को मजबूर रहा।

ऑपरेशन सिंदूर पर रूस गया भारत के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मॉस्को एयरपोर्ट पर ड्रोन अटैक की चपेट में आते आते बच गया। आपको बता दें कि भारत-पाक संघर्ष के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान और आतंकवादियों के नेक्सस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल अलग अलग देशों की यात्रा कर रहा है और एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में मॉस्को पहुंचा है। इस विमान में डीएमके सांसद कनिमोझी
समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव राय, आरजेडी सांसद प्रेमचंद गुप्ता, कैप्टन ब्रिजेश, अशोक कुमार मित्तल और राजदूत मंजीव सिंह पूरी शामिल हैं। कनिमोझी के नेतृत्व में सांसदों का प्रतिनिधिमंडल 22 मई को रूस के लिए रवाना हुआ था।

कई घंटों की देरी के बाद,आखिरकार, काफी देरी के बाद विमान सुरक्षित उतर गया। सांसद कनिमोझी को लेकर विमान सुरक्षित रूप से मॉस्को एयरपोर्ट पर उतरते ही रूस में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और उन्हें सुरक्षित रूप से उनके होटल तक पहुंचाया।

मॉस्को पहुंचने पर डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि रूस भारत का रणनीतिक साझीदार है उन्होंने आगे कहा कि हम हमेशा कूटनीतिक मुद्दों, व्यापार आदि पर मिलकर काम करते रहे हैं। ऐसे समय में, जब बार-बार आतंकवादी हमलों का सामना करना पड़ रहा है, उन्होंने यह कहा कि यहां हम अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के सदस्यों ,उप विदेश मंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री, थिंक टैंक्स और रूसी मीडिया के लोगों से भी मुलाकात करेंगे। और हम उन्हें समझाएंगे कि भारत में क्या हुआ और हमें आतंकवाद के खिलाफ मिलकर कैसे लड़ना है।

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