पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक :
मध्य प्रदेश समेत देश के कुछ राज्यों में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत की खबरों के बाद उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। हर जिले में औषधि निरीक्षकों को आदेश दिए गए हैं कि वे सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर पर कंपनी द्वारा बनाए गए कोई भी कफ सिरप पाए जाने पर उन्हें जब्त कर लें। उनकी बिक्री रोकने की कार्रवाई शुरू करें।
मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस दवाई का कहर बरप रहा है जिसके चलते खांसी की सिरप पीने से 16 से अधिक बच्चों की मौत हो गई। सहायक आयुक्त औषधि दिनेश कुमार तिवारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों को चेतावनी जारी की है। कोल्डरिफ बनाने वाली कंपनी स्रेसन फार्मासुटिकल्स के सभी कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। तिवारी ने अपने आदेश में सभी औषधि विक्रेताओं, सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि उक्त बैच के कफ सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग तत्काल रोका जाए। साथ ही दुकानों व अस्पतालों में उपलब्ध स्टॉक का नमूना जांच हेतु लखनऊ स्थित राज्य औषधि प्रयोगशाला में तत्काल भेजा जाए। लखनऊ प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद दोषी उत्पादकों और वितरकों पर आवश्यक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मध्यप्रदेश में खांसी की संक्रमित दवा से 11 बच्चों की मौत की खबरों के बाद यूपी में संबंधित कंपनी की खांसी की दवा न बेचने को लेकर आदेश जारी किए गए हैं। योगी सरकार ने भी सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए और रिपोर्ट आने तक उक्त कफ सिरप का प्रयोग पूर्णतः बंद रखा जाए।
तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और पुडुचेरी में कफ सिरप त्रासदी के बाद, कर्नाटक राज्य ने कड़ी सावधानियां बरत रहे हैं। आशंका है कि कप सिरप में डाईएथिलीन ग्लाइकाल और एथेलिन ग्लाइकाल जैसे विषैले रसायनों की मौजूदगी की आशंका है। ये दोनों रसायन शरीर के लिए बेहद खतरनाक हैं और इनका सेवन जानलेवा साबित हो सकता है।
Kanun Ki Phatkar Hindi News & Magazine