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लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे को आरजेडी से 6 साल के लिए कर दिया निष्कासित

पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक

लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. लालू प्रसाद यादव के फैसले के बाद सबसे पहला हड़ंकप तो आरजेडी में ही मच गया। बिहार की हसनपुर सीट से चुनाव जीतने वाले तेजप्रताप यादव की संपत्ति की बात करें, तो वे करोड़ों के मालिक हैं।

लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) ने आनन-फानन में तेजप्रताप पर सख्त एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी ही नहीं, बल्कि घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया। यह सब तेज प्रताप द्वारा सोशल मीडिया पर एक महिला के साथ अपने संबंध के बारे में किए गए पोस्ट के बाद यह कार्रवाई की गई। क्योंकि तेजप्रताप यादव ने अनुष्का यादव (Anushka Yadav) के साथ अपने रिश्ते का खुलासा करते हुए अपने फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट क्या शेयर की थी। जिसके चलते राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को आरजेडी से 6 साल के लिए बाहर कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने तेज प्रताप यादव को परिवार से भी बेदखल कर दिया गया। लालू के इस फैसले से आगामी विधानसभा चुनाव के पहले बिहार का राजनीतिक माहौल में हलचल तेज हो गई है।

अब बिहार में तेज प्रताप यादव को लेकर ही सबसे ज्यादा चर्चा है ।कुछ लोगों का कहना है कि लालू ने एक सोचे-समझे फैसले के तहत तेज प्रताप को पार्टी से दूर कर अपने परिवार और पार्टी को बचाया है। साथ ही तेज प्रताप को भी यह स्पष्ट संदेश दे दिया कि बेटा अपनी बचकानी हरकतों से बाज आ जाओ। तो कोई कह रहा है कि लालू प्रसाद यादव का राजनीतिक स्टंट कर रहे हैं कोई कह रहा है कि राजनीतिक फायदा उठाने के लिए ये सब किया जा रहा है और कोई कह रहा है कि तेज प्रताप यादव को बलि का बकरा बनाया गया है।

लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है. ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं।अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगीउसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है। उन्होंने आगे लिखा, अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है।

तेज प्रताप यादव की बहन रोहिणी आचार्य़ ने ट्वीट किया, ‘जो परिवेश , परंपरा , परिवार और परवरिश की मर्यादा का ख्याल रखते हैं, उन पर कभी सवाल नहीं उठते हैं. जो अपना विवेक त्याग कर मर्यादित आचरण और परिवार की प्रतिष्ठा की सीमा को बारम्बार लांघने की गलती- धृष्टता करते हैं। वो खुद को आलोचना का पात्र खुद ही बनाते हैं।हमारे लिए पापा देवतुल्य हैं , परिवार हमारा मंदिर, गौरव और पापा के अथक प्रयासों- संघर्षों से खड़ी की गयी पार्टी और सामाजिक न्याय की अवधारणा हमारी पूजा. इन तीनों की प्रतिष्ठा पर किसी की वजह से कोई आंच आए ये हमें कदापि स्वीकार्य नहीं’

ये पूरा विवाद तेज प्रताप यादव की फेसबुक अकाउंट से की गई एक पोस्ट का है, इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘मैं तेज प्रताप यादव और मेरे साथ इस तस्वीर में जो दिख रही हैं उनका नाम अनुष्का यादव है, हम दोनों पिछले 12 सालों से एक दूसरे को जानते हैं और प्यार करते हैं, हम लोग पिछले 12 सालों से एक रिलेशनशिप में रह रहे हैं. मैं बहुत दिनों से आप लोगों से ये बात आज कहना चाहता था पर समझ नहीं आ रहा था कैसे कहूं, इसलिए आज इस पोस्ट के माध्यम से अपने दिन की बात आप सब के बीच रख रहा हूं आशा करता हूं कि आप लोग मेरी बात समझेंगे।

हालांकि पोस्ट के कुछ ही देर के बाद तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर ही बताया कि उनका अकाउंट हैक कर लिया गया था। लेकिन तबतक तो बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि लालू प्रसाद यादव ने अपना फैसला सुना दिया है।

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