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काम का बोझ व पैसे का प्रभाव,पुलिस की निष्पक्ष जांच में बाधक

नितेश भरद्वाज :सह संपादक

इलाहबाद हाईकोर्ट ने पुलिस को लेकर अहम् व ऐतिहासिक टिप्पणी करते हुए कहा है कि देश में पुलिस सिस्टम, अंग्रेजों से लिया गया है | उस समय यथास्थिति कायम रखने व जनता के विरोध को सख्ती से दबाने के लिए पुलिस का इस्तेमाल होता था |

सत्ता बनाये रखने के उद्देश्य से पुलिस मनमानी विवेचना करती थी | जो मूल अधिकार नहीं थे | आज़ादी के बाद देश को कल्याणकारी राज्य के रूप में स्थापित किया गया है | वहीँ नागरिकों के मूल अधिकार हैं | एकल पीठ के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने झाँसी निवासी संजीव उर्फ़ कल्लू सेठिया की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए कहा कि इस केस में बिना सबूत के चार्जशीट दाखिल की गयी थी |

उच्च न्यायलय ने कहा कि पुलिस पर काम का बोझ और पैसे का प्रभाव निष्पक्ष जांच में बहुत बड़ी बाधा है | वीआइपी ड्यूटी व काम के दबाव के कारण पुलिस को पर्याप्त समय नहीं मिल पाता | जिससे सही विवेचना नहीं हो पाती | साथ ही यह भी एक कारण है कि समाज के प्रभावशाली लोगों द्वारा पुलिस अधिकारियों पर अपने पक्ष में रिपोर्ट लगवाने का दबाव डाला जाता है |

इसी के परिप्रेक्ष्य में विधि आयोग ने कानून व्यवस्था व अपराध की विवेचना के लिए अलग पुलिस कर्मी रखने की सिफारिस की है, लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है | पुलिस द्वारा स्वतंत्र व निष्पक्ष विवेचना नहीं हो रही है | पुलिस सिर्फ मैकेनिकल विवेचना कर रही है | जो लोक कल्याणकारी राज्य के हित में नहीं है |

सभी कार्य पुलिस पर थोप देने से यह स्थिति आई है | पीठ ने कहा है कि कानून व्यवस्था,सांप्रदायिक दंगा,राजनीतिक उथल-पुथल आदि को देखते हुए पुलिस पर काम का अधिक दबाव है | साथ ही आतंकवाद व सफेदपोश अपराधों में अधिक वृद्धि से पुलिस के सामने कई नई चुनौतियाँ खड़ी हो गई है |

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