पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक
यूपी सरकार ने सामूहिक विवाह योजना में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए वर और वधू के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस आवश्यक कर दी गई है।
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के हाथ पीले करने को चलाई जा रही मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में जहां सहायता राशि को दोगुना किया गया है। वहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के विवाह के लिए सामूहिक विवाह योजना की निगरानी सख्त करने के निर्देश दिए हैं।
विवाह स्थल पर वर-वधू दोनों की बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी, ताकि फर्जीवाड़ा रोका जा सके। इसके बिना आर्थिक लाभ नहीं मिलेगा। कन्या के आधार सत्यापन में लापरवाही पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में एक लाख जोड़ों के विवाह का लक्ष्य रखा है।
हाल ही में सरकार ने सहायता राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है, जिसमें से 60,000 रुपये वधू के खाते में जमा होंगे।सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत पहले 51,000 रुपये दिए जाते थे। लेकिन अब इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। इनमें से 60,000 रुपये वधू के खाते में जमा किए जाते हैं। विवाह में दी जाने वाली उपहार सामग्री, जलपान और भोजन आदि के मानक तैयार कर उनका कड़ाई से पालन करवाया जाएगा। अगर किसी परिवार की मासिक आय 25000 रुपये है, तो वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
एक ही स्थान पर 100 या उससे अधिक जोड़ों की शादियों की स्थिति में संबंधित जिलाधिकारी स्वयं मौजूद रहेंगे। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि सरकार का उद्देश्य है कि योजना का लाभ पात्र परिवार आसानी से ले सकें। वर-वधू को दिए जाने वाले गिफ्ट्स की क्वालिटी में भी सुधार किया जाएगा। इसके लिए फर्मों के चयन की प्रक्रिया समाज कल्याण निदेशालय स्तर पर होगी, ताकि जिला स्तर पर किसी तरह की अनियमितता की आशंका न रहे। इसके लिए कई स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं। योजना में लाभार्थियों को दिए जाने वाले उपहारों की गुणवत्ता और आपूर्ति में पारदर्शिता रखी जाएगी, ताकि जिला स्तर पर किसी तरह की अनियमितता न हो।
योजना के प्रभारी उपनिदेशक आरपी सिंह ने बताया कि विवाह समारोह में मंडलीय उप निदेशक और जिला समाज कल्याण अधिकारियों की उपस्थिति जरूरी होगी।
