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ईद-उल-अज़हा(बकरीद) के पर्व पर ख़ुद की दी कुर्बानी

पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में शनिवार को बकरीद के मौके पर एक सनसनीखेज मामला सामने आया। उत्तर प्रदेश के देवरिया ईश मोहम्मद नामक एक व्यक्ति ने नमाज के बाद घर आकर खुद को कुर्बान कर दिया। परिजन इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले गए,मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों ने ईश मोहम्मद की गंभीर हालत देखकर उन्हें गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, जहां देर शाम को उनकी मौत हो गई।

यह देवरिया जिले की बकरीद पर एक चौंकाने वाली घटना है। बकरीद पर यहां एक मुस्लिम बुजुर्ग ईश मोहम्मद ने चाकू से खुद का ही गला रेत कर कुर्बानी दे दिया। घर के बाहर बने झोपडी में वह काफी देर तक कराहते हुए तड़पता रहा। कराहने की आवाज सुन परिजन भाग कर कमरे में पहुंचे तो वहां का मंजर देख बदहवास हो गए। नमाज अदा कर घर लौटने के बाद वृद्ध मुस्लिम ने बकरे के बदले अपने ही कुर्बानी दे डाली। यही नहीं कुर्बानी देने के पहले वृद्ध ने जिला प्रशासन और ग्राम प्रधान को संबोधित एक पत्र भी लिखा था। जिसमें उसने अपनी इच्छा व्यक्त की।  पत्र में लिखा है कि “इंसान बकरे को अपने बच्चे की तरह पाल पोस कर बड़ा कर कुर्बानी देता है,वह भी जीव है। कुर्बानी करना चाहिए। ऐसे में मैं अल्लाह रसूल के नाम पर खुद को कुर्बान कर रहा हूं। किसी ने मेरा कत्ल नहीं किया है। मुझे सुकून से मिट्टी देना। किसी से डरना नहीं। जहां खूंटा गड़ा है, वहीं कब्र होनी चाहिए।

देवरिया जिले के गौरीबाजार थाना क्षेत्र के उधोपुर गांव निवासी ईश मोहम्मद (60) धार्मिक व्यक्ति थे। वह अक्सर आंबेडकर नगर के किछौछा स्थित सुल्तान सैयद मकदुम अशरफ शाह मजार पर जाते थे। उनकी पत्नी हाजरा खातून के मुताबिक शनिवार को बकरीद के मौके पर ईश मोहम्मद मस्जिद से नमाज पढ़कर घर लौटे। कुछ देर तक अकेले बैठने के बाद उठकर घर के बगल में बनी झोपड़ी में चले गए। घरवालों ने लगा कि वह आराम कर रहे होंगे क्योंकि वह अक्सर उसी झोपड़ी में रहते थे। थोड़ी देर बाद ही उनके करहाने की आवाज सुनाई दी,आवाज सुनकर परिजन दौड़े तो वहां का नजारा देखकर होश उड़ गए। यह देखकर परिजन चीखने लगे। आवाज सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे और इलाज के लिए उन्हें मेडिकल कॉलेज ले गए। झोपड़ी में खून बिखरा था और ईश मोहम्मद की गर्दन कटी हुई थी। पूरा फर्श खून से भरा था, पास में ही चाकू और अल्लाह के नाम की चिट्ठी भी मिली। बुजुर्ग के इस काम से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।


इस मामले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना बहुत अफसोसजनक और दिल को दहलाने वाली है। उन्होंने कहा कि इसे कुर्बानी से जोड़ना ठीक नहीं, इस मामले में तस्वीर साफ हो गई है। मौलाना रजवी ने अपने एक बयान में कहा कि गला रेतने वाले बुजुर्ग की पत्नी का बयान है कि वह तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़े थे। आजमगढ़ में किसी दरगाह में जाते थे। उनके ऊपर भूत-प्रेत का साया था। घर आकर वह जादू-टोना भी करते थे। रजवी ने कहा कि इसे कुर्बानी के रूप में देखना ठीक नहीं । यह भूत-प्रेत के असर के कारण हुआ है। अंसारी के दिमाग में भूत-प्रेत का असर था। इस कारण उन्होंने कुर्बानी के दिन होने के कारण एक नोट लिख दिया। इसे कुर्बानी के रूप में प्रचारित करना गलत है। इस्लाम में इंसान नहीं, जानवरों की कुर्बानी की इजाजत है।

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