केकेपी न्यूज़ ब्यूरो:
67 आवारा कुत्तों को पालने की अपील वाली याचिका को ख़ारिज करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि “आवारा कुत्तों को रखने का मतलब यह नहीं है कि आप उन्हें सड़कों पर ले जाएंगे,लड़ेंगे और लोगों के जीवन को प्रभावित करेंगे और दूसरों की जिंदगी को खतरे में लायेंगे |
दरअसल,मध्य प्रदेश की समरीन बानो की एक अर्जी पर सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई चल रही थी | जिसमें कहा गया था कि राज्य में आवारा कुत्तों की रक्षा नहीं की जा रही है | अधिकारी कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं |
इस केस की सुनवाई कर रहे सुप्रीमकोर्ट के जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस एम एम सुंदरेश की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से एक अलग पीठ के सामने लंबित इसी तरह के मामले में पक्षकार बनने की अर्जी देने को कहा |
क्योंकि इसी तरह के मुद्दे पर एक अन्य पीठ इस मामले पर विचार कर रही है | इसलिए वर्तमान रिट याचिका पर विचार नहीं किया जाता है |