Tuesday , July 1 2025

कथावाचक ब्राह्मण नहीं, यादव हैं!जातिगत राजनीति हुई तेज

पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक

यूपी में पिछड़ी जाति के कथावाचकों के अपमान का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद जातिगत राजनीति तेज हो गई है और विरोध प्रदर्शन जारी है। गांव में इस घटना के चलते तनाव है। यादव समाज और ‘अहीर रेजिमेंट’ के युवाओं ने गुरुवार को गांव में घुसने की कोशिश की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका तो बवाल खड़ा हो गया। गांव तक आने वाली सड़कों पर पुलिस फोर्स तैनात है।

इटावा में 21 जून से भागवत कथा शुरू हुई थी। शाम को पता चला कि कथावाचक ब्राह्मण नहीं, यादव हैं। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया और कथावाचक को मारा-पीटा गया साथ ही उनकी चोटी काट कर सिर मुंडवा दिया गया। एक महिला के पैरों में नाक रगड़वाई साथ ही वीडियो भी बनाया। अगले दिन दूसरे ब्राह्मण कथावाचक को बुलाया कर उनसे भागवत करवाई गई। तभी वीडियो वायरल हुए और हंगामा हो गया।

इस मामले के एक बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि कथावाचकों का अपमान नहीं होना चाहिए। उनकी चुटिया नहीं काटनी चाहिए थी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कथावाचक मुकुट मणि और संत सिंह यादव को लखनऊ बुलाया और उनकी मदद की। इसके बाद इटावा पुलिस एक्टिव हो 4 कथावाचकों के साथ बदसलूकी करने वाले 5 लड़कों को गिरफ्तार किया। अभी हाल यह है कि यादव-ब्राह्मण वर्ग आमने-सामने हो गए, कथावाचकों के खिलाफ भी FIR हुई।

इटावा जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर दादरपुर गांव है। मीडिया हकीकत जानने के लिए इटावा कथास्थल पर पहुंची। ब्राह्मण परिवार से मिले,जिन्हें गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद कथावाचक मुकुट मणि के घर पहुंच कर लोगो से बात की। इस गांव में ब्राह्मणों की तादाद ज्यादा है। कुल 103 घर ब्राह्मणों के हैं। इसके अलावा ठाकुर, दलित वर्ग के आदि बड़ी संख्या में रहते हैं। गांव के ही एक छोर पर मंदिर बना है। गांव के सभी धार्मिक कार्यक्रम यहीं होते हैं।कथा स्थल पर मुख्य कलश अभी भी उसी जगह पर रखा है।मंदिर के पुजारी रामस्वरूप दास उर्फ पप्पू बाबा फिलहाल फरार हैं। मंदिर का गेट खुला है, लेकिन कोई भी मौजूद नहीं है। पुलिस पूछताछ के लिए पुजारी की तलाश में है।

उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव कथावाचक व्यास मुकुट मणि, संत यादव के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले को लेकर गुरुवार को इटावा में जमकर हंगामा हुआ। हालात इतने बिगड़ गए कि दादरपुर गांव को लगभग पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। यादव समाज और ‘अहीर रेजिमेंट’ के युवाओं ने गुरुवार को गांव में घुसने की कोशिश की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका तो बवाल खड़ा हो गया। कहा जा रहा है कि दादरपुर गांव में घुसने की कोशिश कर रहे यादव समाज के लोग रास्ते में अन्य लोगों से उनकी जाति पूछ रहे थे, उसके बाद ही गांव में घुसने दिया जा रहा था। सैकड़ों की संख्या में यादव समाज के लोग बाइकों पर सवार होकर दादरपुर गांव के पास पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया.. ‘अहीर रेजिमेंट’ और यादव समाज के लोगों ने गगन यादव की रिहाई और कथावाचकों के साथ दुर्व्यवहार  के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने नारेबाजी कर सड़क जाम कर दी। धीरे-धीरे विरोध-प्रदर्शन का मामला बढ़ता चला गया।

इटावा में जो भागवत कथा का आयोजन हुआ था, वो आयोजन पूरे गांव ने मिलकर किया था। 21 जून को भगवत कथा के पहले दिन कलश यात्रा और पाठ के बाद मुकुट सिंह उर्फ़ मुकुट मणि अग्निहोत्री, संत सिंह यादव और दो अन्य सहयोगी तिवारी परिवार के घर रात का भोजन करने पहुंचे और वहीं से विवाद शुरू हुआ। इस आयोजन में जय प्रकाश तिवारी और उनकी पत्नी रेणु तिवारी परीक्षित (यजमान) की भूमिका में थे। जय प्रकाश तिवारी का कहना है कि घर के बैठक वाले कमरे में कथावाचक भोजन करने बैठे और उंगली छूकर छेड़खानी करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि कथावाचकों ने उनकी पत्नी से कहा कि अपने हाथ से खाना खिलाओ। इसपर आपत्ति हुई तो उन्होंने माफ़ी मांग ली। तभी अपने झोले से वो कुछ सामान निकाल रहे थे और उसी दौरान मुकुट नाम के कथावाचक के दो आधार कार्ड्स नीचे गिर गए। एक कार्ड पर मुकुट सिंह नाम था और दूसरे पर मुकुट मणि अग्निहोत्री दर्ज था। यहीं से जाति पूछना शुरू हुआ।

कथावाचक संत सिंह यादव वो शख़्स हैं, जिनका मुंडन भीड़ में कर दिया था। संत सिंह की पत्नी संगीता यादव ने मीडिया से खास बातचीत में दावा किया कि उनके पति पर आरोप लगाने वाली ब्राह्मण महिला झूठ बोल रही है। उन्होंने कहा कि उनके पति बीते 15 सालों से कथा कर रहे हैं, लेकिन कभी इस तरह का आरोप उनपर नहीं लगा। उन्होंने कहा कि जब वीडियो में महिला से पेशाब मंगाने की आवाज़ आ रही है, जो शुद्धिकरण के नाम पर पेशाब छिड़कने का सबूत है। संगीता यादव सवाल उठाती हैं कि अगर छेड़खानी हुई भी तो पुलिस बुलाने की जगह भीड़ ने बदसलूकी क्यों की? उन्होंने न्याय की मांग करते हुए पेशाब छिड़कने वाली महिला की गिरफ़्तारी समेत मारपीट करने वालों पर कार्रवाई की मांग की। संत सिंह की बेटी ने भी सवाल खड़े करते हुए पूछा कि अगर घर में कोई पुरुष कमरे में बैठा होगा तो गांव की परंपरा के मुताबिक़ जब तक कोई पुरुष उस कमरे में नहीं होगा, तब तक महिला उसमें नहीं जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit exceeded. Please complete the captcha once again.

E-Magazine