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विटामिंस व खनिज पदार्थों का भंडार है “निर्गुण्डी”

तृप्ति शुक्ला -न्यूट्रीशनिष्ट

निर्गुण्डी एक ऐसा औषधीय पौधा है | जिसमें कई प्रकार के विटामिंस व खनिज पदार्थ भरपूर मात्र में पाए जाते हैं | इसके सम्पूर्ण हिस्सों का उपयोग स्वास्थ्य समस्याओं के लिए प्राकृतिक चिकित्सा के रूप में किया जाता है | हिमालय परिक्षेत्र में पाए जाने वाले निर्गुण्डी को सर्वश्रेष्ठ दर्द निवारक दवाओं में से एक माना जाता है | निर्गुण्डी कफ़ व वात को नष्ट करता है | इसकी तासीर गर्म होती है | इसमें मौजूद एंटीआक्सिडेंट,एंटीबैक्टीरियल और एंटीइन्फ्लेमेंट्री गुण कई प्रकार की बिमारियों से निजात दिलाते हैं | निर्गुण्डी निम्न प्रकार की बिमारियों में लाभप्रद है |

घाव भरने में -निर्गुण्डी के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है | इसके लगाने से संक्रमण नहीं होता है | साथ ही दर्द में भी आराम मिलता है |

पाचन तंत्र मजबूत करने में-निर्गुण्डी के सेवन से पाचन तंत्र काफी मजबूत होता है | इसके चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्ज,पेट फूलने व ऐंठन आदि की समस्याओं में काफी लाभप्रद है |

बालों की समस्याओं में -निर्गुण्डी के तेल का प्रयोग करने से डैंड्रफ,जू,बालों का झाड़ना व गंजेपन की समस्याओं से छुटकारा मिलता है |

इम्युनिटी बढ़ाने में-निर्गुण्डी में विटामिन्स भरपूर मात्र में होता है | इसलिए इसके सेवन से इम्युनिटी काफी मजबूत होती है | जो कई मौसमी बिमारियों से बचाता है |

त्वचा की समस्याओं में-निर्गुण्डी में मौजूद एंटीआक्सिडेंट व एंटीइन्फ्लेमेंट्री गुण चेहरों पर होने वाले मुहासों व दानों को ठीक करने में काफी सहायक होता है | निर्गुण्डी के पत्तों को पीसकर उसका पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से झाइयाँ दूर होती है | साथ ही ब्लैकहेड्स से छुटकारा मिलता है |

अस्थमा की समस्याओं में -निर्गुण्डी के फूल का हर्बल टी बनाकर पीने से सांस की समस्याओं से निजात मिलता है | यह ब्रांकाइटिस व अस्थमा को जड़ से ठीक करता है |

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