पूनम शुक्ला:मुख्य प्रबन्ध संपादक:
अमेरिका के वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कहा कि मस्तिष्क का आकार उम्र के साथ स्वाभाविक रूप से कम होने लगता है, लेकिन धूम्रपान से यह समय से पहले शुरू हो जाता है | नए शोध में पाया गया है कि धूम्रपान से केवल दिल और फफड़ों को नुकसान नहीं पहुँचता, बल्कि मस्तिष्क भी सिकुड़ने लगता है |
धूम्रपान छोडने से आगे होने वाली हानि जरूर रुक जाती है, लेकिन जो हो चुकी है उसकी क्षतिपूर्ति नहीं हो पाती | दिमाग मूल आकार में वापस नहीं आता | बायोलाजिकल साइकिएट्री ग्लोबल ओपन साइंस में प्रकाशित शोध की वरिष्ठ लेखिका और यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में मनोचिकित्सा की प्रोफेसर लोरा जे बैरुत ने कहा है कि हाल तक विज्ञानी मस्तिष्क पर धूम्रपान के आंशिक प्रभावों को नज़रअंदाज़ करते रहे हैं,
क्योंकि हम फेफड़ों और हृदय पर धूम्रपान के सभी भयानक प्रभावों पर ध्यान केन्द्रित कर रहे थे, लेकिन जैसे ही हमने दिमाग पर इसके प्रभाव को देखना शुरू किया तब निष्कर्ष सामने आया कि वास्तव में धूम्रपान मस्तिष्क के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक और जानलेवा है |