केकेपी न्यूज़ ब्यूरो:
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस जसप्रीत सिंह की पीठ ने रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल अशोक कुमार के द्वारा दस वर्ष पूर्व दाखिल की गयी एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान एलडीए के अधिकारियों को अवैध निर्माण में संलिप्त होने पर सख्त रुख अपनाते हुए फटकार लगाई है |
हाईकोर्ट ने एलडीए से पूछा है कि जो अधिकारी अवैध निर्माण में संलिप्त हैं | उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी | हाईकोर्ट ने एलडीए से अधिकारियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट के साथ ही उन अधिकारियों की भी सूची मांगी है जो कार्रवाई किये हैं |
जनहित याचिका में कहा गया है कि शहर में जब अवैध निर्माण होते है तो उस समय अधिकारी बिल्डर्स से सांठ -गांठ कर मामले पर चुप्पी साधे रहते हैं, और अवैध निर्माण हो जाता है | ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं होती है | जिससे इनके हौसले बुलंद रहते हैं |
दरअसल, एलडीए के अधिवक्ता ने दस वर्ष पूर्व 2012 में हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ को आश्वासन दिया था कि अवैध निर्माण में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है | लेकिन पत्रावली के निरीक्षण के बाद पीठ ने पाया कि आज तक एलडीए ने किसी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की है |
अब हाईकोर्ट ने एलडीए को फटकार लगाते हुए अगली तारीख पर रिपोर्ट मांगी है कि अब तक कितने निर्माण अवैध पाए गए हैं और कितने में समन जारी किया गया है |