केकेपी न्यूज़ डेस्क:
“आई लव यू” कहने के आरोपी को बाम्बे हाईकोर्ट ने बरी करते हुये कहा है कि सिर्फ :”आई लव यू” कहने का मतलब “यौन उत्पीड़न का इरादा” नहीं माना जा सकता |” बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ की न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी -फाल्के ने एक दशक पहले हुई छेड़छाड़ की घटना के आरोपी को निचली अदालत द्वारा तीन वर्ष की सजा सुनाने के फैसले को रद्द करते हुये कहा कि यदि बोले गए शब्दों को यौन इरादे के रूप में लिया जाए तो इसके साथ अनुचित स्पर्श,जबरन कपड़े उतारना,अभद्र इशारे करना या महिला की गरिमा का अनादर करने के इरादे से की गई टिप्पणी आदि होना चाहिए,जो स्पष्ट करे कि असली इरादा यौन उत्पीड़न का था | कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुये आरोपी को बरी कर दिया |
दरअसल,2017 में नागपुर कि लोअर कोर्ट ने आरोपी को तीन वर्ष की सजा व 5 हज़ार रुपए जुर्माना अदा करने का आदेश पारित किया था | घटना के समय पीड़िता 17 वर्ष की थी और आरोपी 25 वर्ष का था |