पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक
योगी सरकार यूपी मदरसों में हिंदी, अंग्रेजी, कंप्यूटर और विज्ञान को अनिवार्य करने के लिए यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 में संशोधन करेगी। इससे 12 लाख छात्रों को लाभ होगा. यह कदम मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा से जोड़कर छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ाएगा।
उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। योगी सरकार प्रदेश में मदरसा शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए बड़े बदलाव लाने की योजना बना रही है। जिससे आने वाले समय में मदरसों की शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर होगी। इससे 12 लाख छात्रों को लाभ होगा। मदरसों में कक्षा 1-8 तक का पाठ्यक्रम लगभग बेसिक शिक्षा परिषद के समान है, लेकिन कक्षा-9 से 12 में अभी विज्ञान और गणित जैसे विषय नहीं पढ़ाए जाते हैं।
उच्चस्तर पर फैसला किया गया है कि इन विद्यार्थियों को भी उर्दू, अरबी, फारसी और अंग्रेजी भाषा के साथ विज्ञान और गणित जैसे आधुनिक विषय भी अनिवार्य रूप से पढ़ाए जाएं।
इसके तहत दीनी तालीम के साथ-साथ आधुनिक विषयों को शामिल किया जाएगा, ताकि मदरसों के छात्र भी अन्य बोर्ड के छात्रों के साथ आगे बढ़ सकें। हिंदी, अंग्रेजी, कंप्यूटर और विज्ञान जैसे विषयों को अनिवार्य करने से छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ेगी।
- कक्षा 10 तक हिंदी और अंग्रेजी अनिवार्य विषय होंगे।
- सभी मान्यता प्राप्त मदरसों में विज्ञान और कंप्यूटर लैब्स अनिवार्य किए जाएंगे।
- कक्षा 1 से 3 तक एनसीईआरटी (एनसीईआरटी) और कक्षा 4 से 8 तक एससीईआरटी (एससीईआरटी) का सिलेबस लागू होगा।
- कक्षा 12 में क्रिस, वाणिज्य और खेल-क्रीड़ा शिक्षा को शामिल किया जाएगा।
सरकार शिक्षकों के लिए एक खास शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेगी। ताकि शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण तकनीकों से लैस किया जा सके। यह कदम राज्य के 13,329 मदरसों में पढ़ने वाले 12 लाख से अधिक छात्रों के शैक्षिक और समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। वर्तमान में यूपी में कुल 13,229 मान्यता प्राप्त मदरसा हैं।जिनमें लगभग 12 लाख 35 हजार छात्र-छात्रा पढ़ाई करते हैं. इस नए प्रस्ताव से मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा के स्तर से जोड़ा जाएगा। ताकि छात्रों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। यूपी मदरसा बोर्ड सभी छात्रों के मार्कशीट डिजिटल की जाएंगी, जिससे पारदर्शिता और सुविधा बढ़ेगी।