केकेपी न्यूज़ ब्यूरो:
इलाहबाद हाईकोर्ट ने 40 वर्ष पूर्व हुए एक हत्या के आरोपित की सेशन कोर्ट से बरी करने के फैसले को रद्द करते हुए उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा है कि अपराध हुए काफी समय बीत जाने के आधार मात्र से आरोपित को कम सजा नहीं दी जा सकती |
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति वी के बिड़ला व न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने उप्र सरकार बनाम राम अवतार सिंह की अपील को स्वीकार करते हुए आरोपित को 15 दिन के अन्दर निचली अदालत में समर्पण करने का आदेश देते हुए कहा है कि अगर दोषी 15 दिन के अन्दर समर्पण नहीं करता है तो मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नियमानुसार कार्रवाई कर आदेश का पालन सुनिश्चित कराएँ |
दरअसल, 40 साल पहले 7 दिसम्बर 1982 को शिव सरन सिंह ने अपने भाई बाबू सिंह की हत्या किये जाने की एफआईआर फतेहपुर के खखरेरू थाने में दर्ज कराई थी | एफआईआर में शिव सरन सिंह ने वादी राम अवतार सिंह पर गोली मारने का आरोप लगाया था | जिस पर पुलिस ने राम अवतार सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी |