केकेपी न्यूज़ ब्यूरो:
कब, कौन किसका अजीज हो जाय,कहा नहीं जा सकता | ऐसे ही एक घटना उप्र के प्रतापगढ़ जिले के फतनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत घटी | एक व्यक्ति पांच वर्ष के मुर्गे की मौत के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए विधिवत तेरहवीं की और सगे सम्बन्धियों के साथ ही क्षेत्र के लोगों के लिए भोज का आयोजन किया | जिसमे 500 से अधिक लोगों ने भोजन किया, और मुर्गे की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की |
दरअसल,फतनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत गाँव बेहदौल कला निवासी डॉ शालिग्राम सरोज एक क्लिनिक चलाते हैं | घर पर एक बकरी व एक मुर्गा पाल रखे है | परिवार वालों को मुर्गे से इतना ज्यादा लगाव था कि सब लोग उसे प्यार से “लाली” नाम से पुकारते थे | एक दिन एक कुत्ते ने बकरी के बच्चे पर हमला कर दिया | जिसे देख लाली यानि मुर्गा उस हमलावर कुत्ते से भिंड गया | मुर्गे ने बकरी के बच्चे को तो बचा लिया लेकिन खुद गम्भीर रूप से घायल हो गया | बाद में उसकी मौत हो गयी |
उसकी मौत से परिवार इतना दुखी हो गया कि दो दिन तक घर में खाना नहीं बना | घर में पूरी तरह शोक का माहौल बना रहा | परिवार के लोगों का कहना है कि मुर्गे से इतना लगाव था कि उसे रक्षाबंधन पर राखी बाँधी जाती थी | अब इस बार किसको राखी बांधेगें |