केकेपी न्यूज़ ब्यूरो
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि प्रेम प्रसंग के दौरान बने शारीरिक संबंध को दुष्कर्म नहीं माना जा सकता | भले ही किसी कारणवश शादी से इंकार कर किया गया हो | कोर्ट का कहना है कि प्रेम प्रसंग के दौरान जो भी शारीरिक संबंध बनते हैं | वह दोनों की आपसी सहमति से बनते हैं | ऐसे में आपसी सहमति से बने शारीरिक संबंध को दुष्कर्म की श्रेणी मे नहीं रखा जा सकता |
यह आदेश देते हुये हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने प्रेमिका से दुष्कर्म करने के आरोपी प्रेमी के खिलाफ निचली अदालत में चल रही आपराधिक कार्रवाई को रद्द कर दिया | दरअसल, संत कबीर नगर की एक युवती ने महिला थाना में अपने प्रेमी जियाउल्ला के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज़ कराया था |
पीड़िता ने बताया कि प्रेमी से शुरू मे मुलाक़ात हुई, प्रेम का सिलसिला शुरू हुआ और फिर शारीरिक संबंध बनाना शुरू कर दिया | इसी दौरान प्रेमी व्यापार के सिलसिले में सऊदी अरब चला गया | वहाँ से लौटने के बाद शादी से इंकार कर दिया |