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दुर्घटना क्लेम फर्जीवाडा में 30 अधिवक्ताओं का लाइसेंस निलंबित

महेंद्र प्रसाद : फतेहपुर संवाददाता

दुर्घटना क्लेम पर फर्जीवाड़ा कर इंश्योरेंस कंपनी से करोड़ों रूपये का घालमेल करने में दोषी पाए जाने वाले 30 अधिवक्ताओं को उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने निलंबित कर दिया है | इसके साथ ही जांच के लिए गठित की गयी एसआईटी द्वारा इनके खिलाफ साक्ष्य पेश किये जाने पर 6 पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई की गई | एक अधिवक्ता ने एसआईटी की कार्रवाई व गिरफ़्तारी के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी | जिसे सुप्रीमकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया |

दरअसल, दुर्घटना क्लेम के नाम पर जालसाजी करने वाले गैंग के लोग अपने -अपने जिलों में ऐसी घटना की तलाश करते थे | जहाँ सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मौत हुई हो, और जिस वाहन से दुर्घटना हुई हो, वह अज्ञात हो | ऐसी केस मिलने पर गैंग के लोग मृतक के परिवारीजनों से संपर्क करते थे | उन्हें मुआवजे की मोटी रकम दिलाने का झांसा देकर अपने साथ मिला लेते थे |

परिवारीजनों के राजी होने पर एक गाड़ी सहित उसके चालक को एक अच्छी रकम देने का लालच देकर उसे भी अपने साथ जोड़ लेते थे | इसके बाद एक प्रत्यक्षदर्शी गवाह तैयार कर मृतक के परिवारीजनों की तरफ से गाड़ी के खिलाफ सम्बंधित थाने के पुलिस कर्मियों की मदद से एफआईआर दर्ज करवाकर जांच करवा देते थे | फिर इंश्योरेंस कंपनी से रकम मिलने के बाद मामले को रफा-दफा करा दिया जाता था |

मृतक के परिवारीजनों को कुछ रकम देकर जयादा रकम गैंग अपने पास रख लेता था | जांच में यह भी सामने आया है कि एफआईआर में फंसे कई अधिवक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने क्लेम की रकम सीधे ही अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवा ली | अधिवक्ताओं ने एसआईटी की जांच को गलत ठहराने के लिए कई बार अपील की | लेकिन ठोस साक्ष्यों के चलते उन्हें राहत नहीं मिली |

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