पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबन्ध संपादक :
सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्याकांड में उम्र कैद की सजा पाए सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा माफी देकर छोड़ने का आदेश रद्द कर दिया है । कोर्ट ने सभी दोषियों को दो सप्ताह में संबंधित जेल अधिकारी को रिपोर्ट करने का आदेश देने में प्रक्रिया का दुरूपयोग हुआ है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर रिहाई को चुनौती देने का अधिकार है या जरूरी नहीं है कि वह पहले गुजरात हाईकोर्ट में रेट आज का दाखिल करें ।
गुजरात सरकार का 11 दोषियों को माफी देने का 10 अगस्त 2022 का आदेश दूषित व गैरकानूनी है और रद्द किया जाता है । सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी 432 (7)और 432 (1)(2) को देखते हुए गुजरात सरकार को दोषियों के माफी मांगने , दोषियों की माफी अर्जी पर विचार करने और उन्हें माफी देने का अधिकार नहीं है ।
कोर्ट ने कहा कि माफी का आदेश देने में प्रक्रिया का दुरूपयोग हुआ है । सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला पीड़िता के दोषियों को माफी देकर छोड़ने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका स्वीकार करते हुए सोमवार को सुनाया ।
बिल्किस ने अपने वकील के जरिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद कहते हुए कहा कि आज वास्तव में मेरे लिए नया वर्ष है, उन्होंने कहा कि पिछले डेट वर्ष में पहली बार मुस्कुराई ।
कोर्ट ने दोषियों को माफी देकर छोड़ने का गुजरात सरकार का आदेश रद्द करते हुए कहा कि हर महिला सम्मान की हकदार है, चाहे उसका स्तर कितना भी ऊंचा हो या नीचा क्यों ना हो । वह किसी भी धर्म की क्यों ना हो । इसके साथ ही पीठ ने सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य पीठ का 13 में 2022 का वह आदेश भी अमान्य व निरस्त घोषित कर दिया जिसे आधार बनाकर गुजरात सरकार के दोषियों की माफी का आदेश जारी किया था ।