केकेपी न्यूज़ ब्यूरो
इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक दुष्कर्म के आरोपित को अपराध मुक्त करते हुए विशेष अदालत द्वारा याची की अर्जी ख़ारिज करने का आदेश रद्द करते हुए कहा है कि याची के ऊपर लगाये गये आरोप के पर्याप्त सुबूत नहीं है | पीड़िता ने भी अपने बयान में दुष्कर्म का आरोप नहीं लगाया है, और न तो मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है |
शीर्ष कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता ने केवल संदेह के आधार पर एफआईआर दर्ज करवाई और पुलिस ने भी बिना साक्ष्य के चार्जशीट दाखिल कर दी | जबकि आपराधिक केस चलाने के लिए पर्याप्त सुबूत व साक्ष्य की जरुरत होती है | सिर्फ संदेह के आधार पर आपराधिक केस नहीं चल सकता |
दरअसल, ललितपुर के तालबेहात थानाक्षेत्र में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोपित राम सुन्दर लोधी ने विशेष अदालत से अपनी जमानत की अर्जी ख़ारिज करने के आदेश को इलाहबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी | जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति समीर जैन ने राम सुन्दर लोधी की याचिका पर उपरोक्त आदेश दिया |
याची का कहना है कि उसको गलत तरीके से फंसाया गया है | उसने कोई दुष्कर्म नहीं किया है | मेडिकल जांच में भी दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है |