केकेपी न्यूज़ ब्यूरो:
एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच की एकल पीठ ने लिव-इन-रिलेशन के मामले में कहा कि शादीशुदा पुरुष या महिला दूसरे विवाहित पुरुष या महिला के जीवन में हस्तक्षेप नहीं कर सकता | ऐसे में विवाहित लोगों को लिव-इन में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती |
विवाहित महिला को अपने प्रेमी संग लिव-इन में रहने की अनुमति नहीं है | दरअसल, एक शादीशुदा महिला दूसरे विवाहित पुरुष के साथ लिव-इन में रह रही थी | जिसपर महिला के पति ने पत्नी के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की थी | कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की पत्नी को नारी निकेतन भेजने का आदेश देते हुए कहा कि शादीशुदा महिला किसी शादीशुदा या अविवाहित व्यक्ति की निजी जिन्दगी में दखल नहीं दे सकती है |