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अब कोर्ट में लंबे समय तक नहीं खिंचेंगे जमीन संबंधी मुकदमें

केकेपी न्यूज़-लखनऊ

न्यायालयों मे सिविल के अब तक जितने भी मुकदमें लंबित हैं | उनमें से 66% मुकदमें भूमि या संपत्ति के विवाद से जुड़े हुये हैं | जिसको लेकर सरकारी तंत्र चिंतित तो रहा है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठा सका | लेकिन अब इन परिस्थितियों से निपटने के लिए पहली बार केंद्र सरकार ने जो महत्वपूर्ण कदम उठाया है | उससे बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल हो सकती है |

जी हाँ, ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग ने कृषि भूमि के खसरा-खतौनी व राजस्व भूमि का अधिकतर रिकार्ड डिजिटल कर दिया है | अब इसे देशभर के ई-न्यायालयों से एकीकृत करने की तैयारी है | जिससे भूमि विवाद से बचा जा सके और पुराने विवादों का निस्तारण जल्द से जल्द हो सके |

न्यायविदों का मानना है कि भूमि प्रबंधन की कमी का ही परिणाम है कि भूमि व संपत्ति संबंधी विवाद बढ़ रहे हैं, और इसके कारण न्यायालयों पर भी इनका बोझ बढ़ता जा रहा है | जिसको लेकर समय-समय पर चिंता तो जताई जा रही है, लेकिन कोई ठोस निराकरण के लिए पहली बार इतना ठोस कदम केंद्र सरकार ने उठाया है |

भूमि संसाधन विभाग द्वारा डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकरण कार्यक्रम(DILRMP) चलाया जा रहा है | इससे ई-न्यायालयों से भूमि अभिलेख का डिजिटल रिकार्ड जुड़ेगा |

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