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बाबा लाएंगे क्रांति !

उत्तर प्रदेश की सियासत में मायावती को छोड़ मुख्यमंत्री रहते हुए कोई नहीं हुआ रिपीट


सर्वाधिक मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड मायावती के नाम

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के परिणामों के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कब्जा जमाने के लिए राजनीत के खिलाड़ी पिच पर उतर चुके हैं। वह बाबा (योगी आदित्यनाथ) को कुर्सी से बेदखल कर उस पर काबिज होना चाहते हैं। इसके लिए वह अपने राजनीतिक शब्दों के बैट्स से धुंआधार बल्लेबाजी कर रहे हैं। चाहे वह सपा, कांग्रेस, बसपा अथवा अन्य दल सभी मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए जोरआजमाइश कर रहे हैं। वह खुले मंच से बाबा को चुनौती दे रहे हैं और कह रहे हैं। उनकी (बाबा की) चलाचली की बेला है। उत्तर प्रदेश का चुनाव तो इतना दिलचस्प हो रखा है कि यहां पर केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि अन्य प्रदेशों की क्षेत्रीय पार्टियों के प्रमुख भी विधानसभा चुनाव 2022 में बाबा को बेदखल करने के लिए उतर चुके हैं। चाहे वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हो, एनसीपी के शरद पवार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, रिपब्लिकन पार्टी के रामदास आठवले, आंध्रप्रदेश एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी अथवा शिवसेना के संजय राउत हों।

सभी मुख्यमंत्री की कुर्सी से बाबा को हटाने के लिए सपा, बसपा, कांग्रेस, प्रसपा, भाकियू को बूस्टर डोज दे रहें, क्योंकि उन्हें पता है, उत्तर प्रदेश में अभी उनका जनाधार इतना नहीं है कि वह तीन चौथाई बहुमत प्राप्त कर सके हैं। उनका केवल मकसद है कि किसी तरह से बाबा को मुख्यमंत्री की कुर्सी से गिरा दें। मगर बाबा भी हार मानने वाले नहीं है। उन्होंने भी भारतीय संस्कृति और हिंदुत्व कार्ड खेल दिया है। अयोध्या से वह खुद चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अपने भाषणों में काशी विश्वनाथ बखान करते वह थकते नहीं हैं। मथुरा के बारे में वह कहते हैं, कि जिसमे दम होगा। वह ही बनायेगा। जय श्रीराम का नारा और श्रीराम जन्मभूमि निर्माण उनके हर उदबोधन में रहता है। हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति का यह कार्ड अगर काम कर गया तो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे जब 10 मार्च को आएंगे तो बाबा बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए कुर्सी पर दुबारा रिपीट करेंगे। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की राजनीति में अब तक हुए मुख्यमंत्रियों का इतिहास उठाकर देखें तो मायावती के अलावा कोई भी मुख्यमंत्री रहते हुए कुर्सी पर रिपीट नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक चार बार मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड मायावती के नाम दर्ज है। यूपी में अब तक 20 जन मुख्यमंत्री हुए हैं। इनके अलावा तीन राज्य के कार्यकारी मुख्यमंत्री भी रहे हैं जिनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा है।

यूपी में अब तक हुए मुख्यमंत्री

गोविंद वल्लभ पंत 1950
सम्पूर्णानंद 1954
चंद्रभानु गुप्ता 1960
सुचेता कृपलानी 1963
चंद्रभानु गुप्ता 1967
चरण सिंह1967
चंद्रभानु गुप्ता 1969
चरण सिंह 1970
त्रिभुवन नारायण सिंह 1970
कमलापति त्रिपाठी 1971
हेमवती नंदन बहुगुणा 1973
नारायण दत्त तिवारी 1976
राम नरेश यादव 1977
बनारसी दास 1979
विश्वनाथ प्रताप सिंह 1980
नारायणदत्त तिवारी 1984
वीर बहादुर सिंह 1985
नारायणदत्त तिवारी 1988
मुलायम सिंह यादव 1989
कल्याण सिंह 1991
मुलायम सिंह यादव 1993
मायावती 1995
मायावती 1997
कल्याण सिंह 1997
रामप्रकाश गुप्त 1999
राजनाथ सिंह 2000
मायावती 2002
मुलायम सिंह यादव 2003
मायावती 2007
अखिलेश यादव 2012
योगी आदित्यनाथ 2017

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