*सजातीय नेताओं को सोफा और मुस्लिम विधायकों को स्टूल पर बैठाते हैं अखिलेश*
*सपा के मुस्लिम नेताओं को अपने अपमान पर चुप नहीं रहना चाहिए*
लखनऊ । अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने अखिलेश यादव द्वारा मऊ और आजमगढ़ में हुई जन सभाओं में मुस्लिम नेताओं को सम्मान नहीं देने को मुस्लिम समाज का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसी हरकतों से पता चलता है कि उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने उन्हें ठीक ही मुस्लिम विरोधी बताया था।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि आजमगढ़ के कार्यक्रम में अखिलेश यादव जी ने बुजुर्ग सपा विधायक आलम बदी जी को अपने पीछे की लाइन में स्टूल पर बैठाया जबकि अपने दोनों तरफ अपनी जाति के नेताओं को सोफे पर बैठाया। वहीं उसी सभा में पूर्व मंत्री वसीम अहमद की विधवा पत्नी को कुर्सी भी नहीं दी गयी और उन्हें मंच पर खड़ा रखा गया। इसी तरह मऊ की रैली में भी अखिलेश यादव के पीछे तीसरी लाइन में शिबगतुल्ला अंसारी को बैठाया गया। जबकि प्रदेश में मुस्लिम आबादी 20 प्रतिशत है और अखिलेश यादव के सजातीय लोग सिर्फ़ 5 प्रतिशत हैं और उसमें भी 2014 के बाद से आधे से ज्यादा उन्हें छोड़ चुके हैं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी एमएलसी आशू मलिक को मंच से पीट कर भगाया गया था और मुरादाबाद के सांसद एचटी हसन की एक तस्वीर भी वाईरल हुई थी जिसमें वो खड़े हो कर राम गोपाल यादव को कोई पत्र दे रहे हैं और राम गोपाल यादव बैठे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है तो वहीं सपा भी उन्हें सिर्फ़ दोयम दर्जे के नेता और विधायक बना कर रखना चाहती है। इसलिए दोनों में कोई फर्क नहीं है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुसलमान एक स्वाभिमानी क़ौम है। इस तरह के अपमान का बदला वह चुनाव के समय अखिलेश यादव से ज़रूर लेगा। उन्होंने सपा में अपमानित किये जा रहे मुस्लिम नेताओं से भी अपील की कि अपने मान सम्मान से समझौता न करें।