पूनम शुक्ला :मुख्य प्रबंध संपादक
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कुछ बड़े कूटनीतिक कदम उठाए । पहलगाम की बैसरन घाटी मैदान में हुए इस हमले में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और प्रशासकों को निर्देश दिया कि वे अपने यहां अल्पकालिक वीजा पर रह रहे पाकिस्तानियों का पता लगाएं और उन्हें 29 अप्रैल तक डिपोर्ट करें।
भारत सरकार के इस फैसले के बाद सभी राज्यों ने अपने यहां रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों पर कार्रवाई शुरू कर दी । इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की मदद से रोते-धोते जबरन घरवापसी कर रहे पाकिस्तानी
राज्यों की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ने अल्पकालिक वीजा धारी पाकिस्तानी नागरिकों को ट्रेस करके उन्हें डिपोर्ट करना शुरू कर दिया ।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के एक्शन से पाकिस्तान सकपका गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल आतंक से जंग की रणभूमि में आतंकी आकाओं और उनके सरपरस्तों को मिट्टी में मिलाने की चेतावनी दी, तो पाकिस्तान को डर है कि भारत न जाने कब, कहां पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दे।
खबर है ,केंद्र के निर्देश के बाद से छह दिनों में 55 राजनयिकों और उनके सहायक कर्मचारियों सहित 786 पाकिस्तानी नागरिक अटारी-वाघा सीमा पार करके भारत छोड़ चुके हैं। पाकिस्तान से 1,465 भारतीय भारत आए हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में आतंकवादियों की पनाहगाह पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। उनका कहना है कि हम जाना नहीं चाहते पुलिस जबरन हमें पाकिस्तान भेज रही है। लेकिन हम वहां जाना नहीं चाहते। कुछ पाकिस्तानी रोते-धोते घरवापसी कर रहे। कुछ पाकिस्तानियों ने सरकार और केंद्र सरकार से गुहार भी लगाई ,कि उन्हें भारत में ही रहने दिया जाए।