दिनेश सिंह : दिल्ली एनसीआर ब्यूरो:
मुस्लिम लड़की से दुष्कर्म के मामले में पाक्सो समेत अन्य धाराओं में दर्ज एफ़आईआर को रद्द करने सम्बन्धी मांग को ख़ारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा है कि पाक्सो एक्ट, बच्चो का यौन शोषण न हो यह सुनिश्चित करता है और 18 वर्ष तक की मुस्लिम लड़की भी नाबालिग़ है |
पीठ ने उस याचिका को ख़ारिज कर दिया जिसमे कहा गया था कि घटना के समय मुस्लिम लड़की 16 वर्ष पांच महीने की थी, और यौनावस्था को प्राप्त कर चुकी थी | ऐसे में मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत वह बालिग थी | इसलिए यह पाक्सो एक्ट के अंतर्गत नहीं आता है |
उधर लड़की की तरफ से दर्ज एफ़आईआर के अनुसार याचिकाकर्ता ने सगाई के बाद लड़की से शारीरिक सम्बन्ध बनाये और बाद में शादी से इंकार कर दिया | जिस पर याचिकाकर्ता युवक ने कहा कि उसने शादी से कभी इंकार नहीं किया | वह अब भी इसके लिए तैयार है | लेकिन सूत्रों के अनुसार लड़की के माता-पिता अब यह रिश्ता नहीं करना चाहते |