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साइबर अपराध की घटनाओं से जनता परेशान

पूनम शुक्ला :मुख्य प्रबन्ध संपादक:

साइबर अपराध की हो रही घटनाओं को देखते हुए पुलिस अधीक्षक गौरव राजपुरोहित ने लोगों को सचेत किया है। उन्होंने मोबाइल एप का सावधानी से इस्तेमाल करने की अपील की है। एसपी ने लोगों को चेताते हुए कहा कि एनी डेस्क एप को डाउनलोड न करें। किसी भी व्यक्ति को अपनी आईडी, पासवर्ड, पिन, खाता संख्या आदि की जानकारी न दें।

बताया कि एनी डेस्क एप ठगों के लिए सरल साधन है, क्योंकि यह उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट पर अलग-अलग मोबाइल और सिस्टम से कनेक्ट करने की अनुमति देता है। यह एप बैंक खाते के लिए घातक हो सकता है। एनीडेस्क एक सॉफ्टवेयर है, जिसके ज़रिए हम अपने कंप्यूटर से किसी दूसरे शख्स के कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस का रिमोट एक्सेस हासिल करके उसे कंट्रोल कर सकते हैं। यह एक स्क्रीन शेयरिंग प्लेटफॉर्म है।

अपराधी इसका उपयोग धोखा देने और ऑनलाइन ठगी के लिए कर रहे हैं। कहा कि लोग ऑनलाइन खरीदारी या खाते से पैसे ट्रांसफर करने के लिए मोबाइल एप का इस्तेमाल करते हैं। अगर मोबाइल पर किसी सोशल मीडिया के जरिए एनी डेस्क मोबाइल एप का लिंक फॉरवर्ड होकर आ जाए तो उस पर क्लिक करने से बचें। अगर कोई अनजान व्यक्ति आपके किसी डिवाइस को एक्सेस करने के लिए कह रहा है और आपसे कोई खास सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए कह रहा है: सावधान रहें! आप रिमोट एक्सेस स्कैम का शिकार होने के जोखिम में हैं।


आम तौर पर, ये अपराधी आपको कॉल करके कंप्यूटर या इंटरनेट की समस्या के बारे में रिपोर्ट करेंगे और मदद की पेशकश करेंगे। वे शायद कहेंगे कि वे Microsoft जैसी किसी जानी-मानी कंपनी या आपके बैंक के लिए काम करते हैं। कभी भी ऐसे कॉल पर भरोसा न करें जिसकी आपको उम्मीद न हो!उस “मदद” पर भरोसा न करें जिसकी आपने मांग नहीं की थी! कोई भी बैंक या कंपनी आपको फोन पर सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए नहीं कहेगी!
साइबर शातिर आजकल ऑनलाइन ठगी के लिए एनी डेस्क एप का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। साइबर अपराध होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 और साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट कर नजदीकी थाने में शिकायत दें।

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