पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक
आजकल डॉक्टरों द्वारा सोशल मीडिया पर सर्जरी या मेडिकल परामर्श देना एक फैशन का सबब बन गया है | स्पेशिलिस्ट हो या जनरल फिजीशियन,सब सोशल मीडिया पर निःशुल्क ज्ञान व आपरेशन थियेटर का सीधा प्रसारण करना अपना गौरव समझने लगे हैं | इसी तरह के डॉक्टरों द्वारा सर्जरी के सीधा प्रसारण के साथ मेडिकल परामर्श को सीधा इंटरनेट के पर प्रसारित करने पर रोक लगाने की सुप्रीमकोर्ट से गुहार लगाई गयी है |
एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायण ने दलील दी कि”सर्जरी में ज्यादा एकाग्रता की जरूरत होती है, इसलिए इस पर कई देशों ने पाबंदी लगाई हुई है | एम्स में भी ऐसे ही लाइव सर्जरी के दौरान आपरेशन टेबल पर ही एक मरीज की मौत हो गयी थी |
किसी भी सर्जरी के सीधा प्रसारण पर रोक लगाने को लेकर दाखिल की गयी जनहित याचिका पर सुप्रीमकोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है | सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़,जस्टिस जे बी पारदीवाला व जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस याचिका पर विचार करते हुये तीन हफ्ते में केंद्र व नेशनल मेडिकल काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है |