पूनम शुक्ला :मुख्य प्रबंध संपादक :
राजधानी लखनऊ में शनिवार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में ‘शिक्षक धन्यवाद समारोह’ के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि शिक्षा केवल अच्छे अंकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। इसे नैतिक मूल्यों, संस्कारों और राष्ट्र प्रथम की भावना से भी जोड़ना चाहिए। अक्सर शिक्षा को अंकों तक ही सीमित कर देते हैं। जबकि इसका उद्देश्य जीवन निर्माण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा को संस्कारों और राष्ट्रीय मूल्यों से जोड़ने पर ही विकसित भारत की नींव रखी जा सकती है।
सीएम ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विकसित भारत’ का जो संकल्प देशवासियों को दिया है, उसमें शिक्षा और शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। अपने संबोधन में सीएम योगी ने देश की वैदिक परंपराओं की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारा वैदिक उद्घोष माता भूमि: पुत्रोऽहं पृथिव्या: रहा है। उन्होंने कहा कि हर छात्र को मेरिट सूची में स्थान नहीं मिल सकता, लेकिन शिक्षा के विभिन्न क्षेत्र खेल, कला और सेवा में अपनी पहचान बना सकते हैं। हम सभी के लिए नेशन फर्स्ट पहला लक्ष्य और मंत्र होना चाहिए। ये काम सिर्फ सेना के जवानों का नहीं है। जब युवाओं के भीतर राष्ट्र के प्रति श्रद्धा का अभाव होता है, तब देशविरोधी विचार पनपते हैं। उन्होंने शिक्षकों के बारे में कहा कि शिक्षक ऐसी पीढ़ी को गढ़ने का काम कर रहे हैं, जो आने वाले समय में न केवल अकादमिक रूप से उत्कृष्ट होगी, बल्कि नैतिक दृष्टिकोण से भी मजबूत होगी। विकसित भारत वह होगा, जहां हर नागरिक सुरक्षित-समृद्ध और आत्मनिर्भर हो।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में आयोजित शिक्षक धन्यवाद समारोह में कहीं। इससे पहले सीएम योगी ने आईसीएससीई बोर्ड के 10वीं-12 वीं के टॉपर्स, जेईई मेन टॉपर स्टूडेंट्स को सम्मानित किया। सीएम ने शिक्षकों को भी सम्मानित किया।