केकेपी न्यूज़:मुंबई ब्यूरो:
बांबे हाईकोर्ट की जस्टिस भारती डांगरे की एकल खंडपीठ ने 24 जून को अपने पारित आदेश में कहा कि यदि कोई लड़की किसी लड़के से दोस्ताना व्यवहार रखती है तो इसका ये मतलब नहीं कि वह उस लड़के से शारीरिक सम्बन्ध बनाने की अनुमति दे रही है | दोस्ताना सम्बन्ध रखने से शारीरिक सम्बन्ध बनाने की अनुमति नहीं मिल जाती | दोस्ती की परिभाषा अलग होती है | वह शारीरिक सम्बन्ध बनाने की श्रेणी में नहीं आती |
इसके साथ ही एक दुष्कर्म के आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि आजकल शादी का झांसा देकर शारीरिक सम्बन्ध बनाने की प्रथा आम बात हो गई है जो समाज के लिए बहुत ही खतरनाक है | युवाओं को ऐसे छद्दम सोच से बाहर आने की जरुरत है |