मसाज पार्लर के नाम पर चल रहे सेक्स गतिविधियाँ आज के दौर में आम बात है | इसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवार्रों की लड़कियों से लेकर आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों की लड़कियां भी कार्यरत है | वहीँ इसके संचालक भी मसाज पार्लर की आड़ में अपने ग्राहकों को “वो” सभी सुविधाएँ उपलब्ध करवाते है जो रेड लाइट एरिया में उपलब्ध होती है |
ऐसे ही एक मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने सुप्रीमकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए पुलिस को निर्देश दिए हैं कि संदिग्ध जगहों की छापेमारी के दौरान सेक्स वर्करों को न गिरफ्तार किया जाय और न ही उनको परेशान करके उनपर जुर्माना लगाया जाय | दरअसल एक व्यक्ति ने मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा था कि पुलिस ने उसे ऐसी जगह से गिरफ्तार किया था जहाँ मसाज पार्लर के नाम पर सेक्स कार्य चल रहा था और वहां कई सेक्स वर्करों को रखा गया था |
लेकिन वह उसमे शामिल नहीं था | इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश एन सतीश कुमार ने कहा कि मसाज पार्लर के नाम पर चल रही सम्बंधित जगह बेशक अवैध थी लेकिन इसे कोई और चलता था | इसके लिए याचिकाकर्ता को आरोपी नहीं बनाया जा सकता |