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मुख़्तार अंसारी कानून व्यवस्था के लिए चुनौती -हाईकोर्ट

केकेपी न्यूज़ ब्यूरो :

विधायक निधि का दुरूपयोग करने के आरोपी पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी की जमानत याचिका ख़ारिज करते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने अपने निर्णय में कहा कि हिंदी भाषी राज्यों में मुख़्तार अंसारी की राबिनहुड जैसी ख्याति के कारण पहचान बताने की जरुरत नहीं है |

यह सफ़ेद पोश अपराधी न्याय व्यवस्था के लिए चुनौती बना हुआ है | यह जेल में रहते हुए विधायक चुना गया फिर विधायक निधि से 25 लाख रूपये एक ऐसे स्कूल को सहायता राशि के रूप में दी जिसका कोई इस्तेमाल ही नहीं हुआ और उस धन का बंदरबांट कर दिया गया | साफ तौर पर करदाताओं के पैसे का दुरूपयोग हुआ | ऐसे में यह जमानत पर रिहा होने का हक़दार नहीं है | हाईकोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि एक ऐसा अपराधी जो 1986 से अपराधिक गतिविधियों से जुड़ा हुआ हो और जिस पर 50 से अधिक संगीन मामले हों फिर भी उसके खिलाफ एक भी दोषसिद्ध नहीं हुआ |

यह अपराधी अपने बचाव के लिए अच्छा प्रबंध कर रखा है | दरअसल मुख़्तार अंसारी ने अपने विधायक निधि से 25 लाख की सहायता राशि बैजनाथ कालेज -मऊ को मानक के विपरीत निर्माण कार्य हेतु दिया लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया | जिसकी एफ़आईआर मऊ के सराय लाखंसी थाने में मुख़्तार व चार अन्य के खिलाफ की गयी थी |

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