Sunday , September 8 2024

प्रचंड गर्मी से त्रस्त जन मानस ,सूख रहे सब ताल-तलैया

पूनम शुक्ला:मुख्य प्रबन्ध संपादक:

ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट को दूर करने और भविष्य के लिए पानी सहेजनी की दोहरी रणनीति के तहत भारत सरकार की पहल पर बनाए गए अमृत सरोवर उद्देश्य में कितना सफल रहे हैं यह गर्मी के दिनों में गांव में जाकर देखा जा सकता है। साथ ही जिले में भीषण गर्मी से आम लोगों की नहीं बल्कि पशु पक्षी भी परेशान है। शासन की ओर से बनाया गया अधिकांश अमृत सरोवर और तालाब सूख चुके हैं। मनरेगा में खुदवाए गए तालाबों में भी दरारें पड़ चुकी हैं। तालाबों की सूखने के पीछे बरसात कम होने का अधिकारी तर्क देते आए हैं। सरोवर और तालाबों में पानी न होने से प्यास से तड़प रहे जीव जंतु इधर-उधर भटकते हुए देखे जा रहे हैं।

केंद्र सरकार ने जनसंख्या के उद्देश्य से देश भर में 24 अप्रैल 2022 को मिशन अमृतसरोवर की योजना लॉन्च की थी । 15 अगस्त 23 में योजना पूरे देश में समाप्त हो गई, लेकिन उत्तर प्रदेश ने अपने बूते इसे 1 वर्ष और यानि 15 अगस्त 2024 तक चलाने का निर्णय लिया है। मिशन अमृत सरोवर के तहत यूपी में अब तक 16909 सरोवर निर्मित किए गए हैं, और पुराने तालाबों को जीर्णोद्धार किया गया। यह संख्या देश भर में सबसे अधिक है। यूपी ने सर्वाधिक सरोवरों के निर्माण का तगमा तो हासिल कर लिया गया है,लेकिन इसके जमीनी परिणाम नहीं मिल रहे हैं। सरोवर के निर्माण के दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है। यहां कुल 5821 सरोवर निर्मित किया गया है।

मनरेगा के संयुक्त आयुक्त अनिल कुमार पांडे ने स्वीकार किया है कि बहुत से अमृत सरोवर सूख गए हैं साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसके संचालन की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत द्वारा स्वयं सहायता समूह को सौंपी गई है।

अमृतसरोवर के सूखने का क्रम अप्रैल से शुरू हो गया था। 25 अप्रैल को ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने सभी मुख्य विकास अधिकारियों के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम सम्मेलनों को लिखे पत्र में कहा कि सरोवर में पर्याप्त पानी नहीं है, और तालाब सूख गए हैं | पूरी तरह से सुख चुके सरोवरों की संख्या हजारों में है | इनके सूखने से पशु पक्षी भी बेहाल है और सरोवरों की तलाश में इधर-उधर भटकते हैं |

Leave a Reply

Your email address will not be published.

10 − 9 =

E-Magazine