पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक :
रोमन कैथोलिक चर्च के प्रथम लातीं अमेरिकी पोप फ्रांसिस का लंबी बीमारी के बाद कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया |88 वर्षीय पोप फ्रांसिस को इस वर्ष डबल निमोनिया होने के कारण 38 दिनों तक अस्पताल मेन भर्ती रहना पड़ा | मार्च के बाद पहली बार पोप फ्रांसिस ईस्टर रविवार के दिन सार्वजनिक रूप से सामने आए और लोगों को शुभकामनाएँ दी |
उनके अंतिम शब्द थे”ब्रदर एंड सिस्टर्स,हैप्पी ईस्टर”| भारत मे उनके निधन के कारण तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है | पोप के निधन के बाद पारंपरिक शोक और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू होगी |अंतिम संस्कार की तिथि अभी घोषित नही की गई है | पोप फ्रांसिस ने 2024 में परम्पराओं से हटकर अंतिम संस्कार की राश्मों को सरल किया था | इस बार कार्डिनल्स के लिए अलग दर्शन नहीं होंगें |
इसकी जगह सेंट पीटर्स बाइसिलिका में कैमरलेंगो के नेतृत्व में जुलूस के बाद सार्वजनिक दर्शन होंगें | चर्च में पोप का शव ताबूत में रहेगा | इसे मंच पर नहीं रखा जाएगा | उनके साथ उनके कार्यकाल का सारांश और उनके कार्यकाल में ढाले गए सिक्के दफनाये जाएंगे | पोप ने 2023 में ही बता दिया था कि उनकी कब्र वेटिकन में सेंट मेरी मेजर बैसिलिका मे तैयार है |
जिसे बिल्कुल सादगी के साथ ही रखा जाय और उसके ऊपर लैटिन में फ्रेकिस्कुज लिखा जाय | मृत्यु के 4 से 6 दिन के भीतर दफनाने की प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए | इसके बाद 9 दिन का आधिकारिक शोक होता है |