पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबन्ध संपादक :
जनवरी महीने के अंत में आरबीआई के द्वारा एक्शन लिए जाने के बाद पेटीएम को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। यूपीआई ट्रांजैक्शन के मामले में उसे ही नुकसान हो रहा है। मुश्किलों में घिरी पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड (पीबीएल) के मैनेजिंग डायरेक्टर सीईओ सुरिंदर चावला ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। चावला ने ऐसे वक्त पर इस्तीफा दिया है, जब यह कंपनी रिजर्व बैंक की सख्त कार्रवाई का सामना कर रही है।
नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार मार्च महीने में यूपीआई लेनदेन में पेटीएम की हिस्सेदारी कम होकर 9 फीसदी हो गई है। वही, साल के पहले महीने जनवरी में यूपीआई ट्रांजैक्शन में पेटीएम की हिस्सेदारी 11.8 फ़ीसदी रही थी। जनवरी महीने में पेटीएम ने 1.4 मिलियन यूपीआई पेमेंट का प्रोसेस किया था। यूपीआई ट्रांजैक्शन के मामले में एक समय पेटीएम का वर्चस्व हुआ करता था ।
वित्तीय वर्ष 2018 से 2019 के दौरान कुल यूपीआई ट्रांजैक्शन में अकेले पेटीएम की हिस्सेदारी 40 फ़ीसदी से ज्यादा हुआ करती थी। पेटीएम ब्रांड का संचालन करने वाली कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस ने मंगलवार को शेयर बाजार को इस इस्तीफे की सूचना दी। चावला ने व्यक्तिगत कारणों और बेहतर करियर की संभावनाएं तलाशने के लिए 8 अप्रैल 2024 को इस्तीफा दे दिया । उन्हें 26 जून को मुक्त कर दिया जाएगा । बशर्ते आपसी सहमति से कोई बदलाव न हो। वन97 कम्युनिकेशन लिमिटेड (ओ सी एल) के पास पीबीएल में 49% हिस्सेदारी है ।
हालांकि पेटीएम पीबीएल को अपनी सहायक इकाई बताती है। वन97 कम्युनिकेशंस ने कहा कि जैसा कि पहले बताया गया था कंपनी और पेटीएम पेमेंट्स के बीच लगभग सभी एग्रीमेंट खत्म कर दिए गए हैं। केवाईसी और अन्य गड़बड़ियों को लेकर आरबीआई ने पीबीएल पर कई प्रतिबंध लगाए थे। पीबीएल को ताजा डिपॉजिट लेने और क्रेडिट ट्रांजैक्शन करने से रोक दिया था। सुरेंद्र चावल से पहले 26 जनवरी को विनय शेखर शर्मा ने बैंक के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था।
पीबीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ सुरिंदर चावला पिछले साल जनवरी में ही कंपनी से जुड़े थे । लेकिन उनके कार्यकाल में मानकों का बार-बार उल्लंघन करने की वजह से बैंक, आरबीआई के सख्त निर्देशों की जद में आ गया । इसका पेटीएम पेमेंट्स बैंक को काफी नुकसान उठाना पड़ा।