पूनम शुक्ला :मुख्य प्रबंध संपादक
दक्षिण कश्मीर स्थित पहलगाम के एक पर्यटक स्थल पर मंगलवार दोपहर बड़ा आतंकी हमला हो गया। बायसरन घाटी के घने जंगलों से आए आतंकियों ने अलग-अलग राज्यों से आए पर्यटकों पर गोलियां बरसा दीं। पहलगाम में मंगलवार को हुआ हमला पहलगाम में 2019 में हुए हमले के बाद की सबसे बड़ी आतंकी घटना है। हमला ऐसे समय हुआ है, जब करीब सवा दो महीने बाद अमरनाथ यात्रा होनी है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर कम से कम 26 लोगों को मार डाला। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी व दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं। हमले में करीब 20 लोग घायल हुए हैं। हालांकि सरकार ने अभी सिर्फ 16 मौतों की पुष्टि की है।
आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। टीआरएफ, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है। पाकिस्तान में बैठा शेख सज्जाद गुल टीआरएफ का प्रमुख है।
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उच्च स्तरीय सीसीएस बैठक की अध्यक्षता करने के कुछ ही घंटों बाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई है। यह बैठक गुरुवार को 24 अप्रैल यानि कि आज होनी है।