श्री शिव शंकर सेन(परिवाद अधिवक्ता)
नोएडा के फोर्टिस अस्पताल पर इलाज में घोर लापरवाही बरतने पर राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने 6.37 लाख रुपए का हर्जाना देने का आदेश दिया है | राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने आंशिक रूप से परिवाद स्वीकार करते हुये फोर्टिस अस्पताल को आदेशित किया है कि वह परिवादी को इलाज में खर्च हुई धनराशि रु0 3,62,582/-,मानसिक प्रताड़ना के मद मे रु0 2 लाख, यात्रा व्यय के मद में रु 50 हज़ार तथा परिवाद में व्यय रु 25 हज़ार की अदायगी दो माह में अवश्य कर दें |
दरअसल, आगरा निवासी डॉ हरेन्द्र प्रताप मोहनिया ने राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में फोर्टिस अस्पताल के खिलाफ़ एक परिवाद दाखिल किया था | जिसमें कहा गया था कि 18 दिसंबर 2008 को रीढ़ की हड्डी में तेज दर्द होने के कारण नोएडा के फोर्टिस अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ ए0के0 सिंह से इलाज शुरू कराया था | दूसरे दिन आपरेशन की सलाह दी गयी | 20 दिसंबर 2008 को आपरेशन किया गया और 22 दिसंबर 2008 को अस्पताल से छुट्टी कर दी | इसके बाद भी दर्द में कोई कमी नहीं हुई, फिर डॉ ए0के0 सिंह को दिखाया गया |
डॉ ए0के0 सिंह ने दूसरी बार आपरेशन के लिया कहा और पुनः आपरेशन किया, लेकिन दर्द से कोई राहत नहीं मिली | फिर डॉ ए0के0 सिंह को दिखाया गया | डॉ ए0के0 सिंह ने तीसरी बार आपरेशन के लिया कहा और पुनः आपरेशन किया, लेकिन फिर भी दर्द से कोई राहत नहीं मिली | तीन बार आपरेशन से गुजरने के बाद परिवादी डॉ हरेन्द्र प्रताप मोहनिया की हालत काफी नाजुक हो चुकी थी | परिवार वालों ने चौथी बार फोर्टिस अस्पताल मे न ले जाकर आगरा में ही कामायनी अस्पताल के डॉ आर सी मिश्रा को दिखाया |
डॉ आर सी मिश्रा ने एमआरआई और टिस्सू बायोप्सी कराई, तब पता चला कि रीढ़ की हड्डी में फंगस इन्फेक्शन है | इसके बाद डॉ आर सी मिश्रा ने इलाज शुरू किया | कुछ दिन बाद ही परिवादी को आराम महसूस होने लगा, और अक्टूबर 2009 तक परिवादी की स्थिति में काफी सुधार हो गया | इसके बाद परिवादी ने फोर्टिस अस्पताल के डॉ ए0के0 सिंह से संपर्क कर सारी बातें बताई | जिस पर डॉ ए0के0 सिंह ने आपरेशन के दौरान फंगल इन्फेक्शन के होने की बात स्वीकार करते हुये अपनी लापरवाही पर दुख प्रकट किया | लेकिन परिवादी के आर्थिक नुकसान,शारीरिक कष्ट व मानसिक प्रताड़ना पर डॉ ए0के0 सिंह व फोर्टिस अस्पताल की तरफ से कुछ नहीं किया गया |