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“नीट” के परिणाम मे गड़बड़ी की वजह- NTA की ठेकेदारी प्रथा

पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबंध संपादक:

मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए होने वाली नीट परीक्षा पर मचा बवाल अभी थमा ही नहीं था कि यूजीसी नेट परीक्षा को रद्द कर दिया गया और उसके लिए बवाल मचाकर विपक्ष नीट परीक्षा दोबारा कराने की मांग कर रही है | दोनों यह परीक्षाएं एनटीए आयोजित करवाता है ऐसे में लोगों का एनटीए पर सवाल उठाना स्वाभाविक है।
यूजीसी नेट में धांधली का पता चलने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा रद्द कर दी है। अब यह परीक्षा नए सिरे से कराई जाएगी और शीघ्र नई तिथि की घोषणा भी की जाएगी। शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी नेट की परीक्षा रद्द करने का फैसला गृह मंत्रालय से मिले उस इनपुट के आधार पर लिया, जिसके पेपर लीक होने समेत बड़े स्तर पर गड़बड़ी की सूचना मिली है। गृह मंत्रालय को प्राथमिक स्तर पर गड़बड़ी की सूचना साइबर क्राइम यूनिट से मिली थी। प्राथमिक स्तर पर गड़बड़ी प्रमाणित होने के बाद यह पूरा फैसला लिया गया है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की परीक्षाओं में एक के बाद एक गड़बड़ी के पीछे वहां चल रही ठेके की व्यवस्था को बड़ी वजह माना जा रहा है। एनटीए के पास इन परीक्षाओं को मापने का अपना खुद का कोई परीक्षा संयोजक या विशेषज्ञ नहीं है बल्कि वह लाखों छात्रों की यह परिक्षाएं आउटसोर्सिंग के जरिए करती है।
इस तरह कई सवाल जनता के मन में उठ रहे हैं | खासकर यह सवाल तब उठ रहे हैं जबकि परीक्षा के 1 दिन बाद ही यूजीसी नेट की परीक्षा क्यों रद्द कर दी गई। परीक्षा के लिए छात्रों ने दिन-रात मेहनत की थी। कई छात्र कई किलोमीटर दूरी तय करके परीक्षा स्थल पर पहुंचे होंगे। आंसर शीट आने से पहले परीक्षा रद्द हो गई। छात्रों की नाराजगी को देखते हुए कांग्रेस ने 21 जून को परीक्षा में धांधली के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है।

वहीं,सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अलग-अलग परीक्षाओं में हुई धांधली के पीछे आशंका जताते हुए कोर्ट से सख्त जांच करने की मांग की है। उन्होंने इसे लेकर भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा है । उन्होंने कहा कि हमारे देश के लिए मानव संसाधन के खिलाफ साजिश हो रही है। भाजपा के राज में पेपर माफिया एक के बाद एक हर एग्जाम में धांधली कर रहा है। यह देश के खिलाफ किसी बड़ी साजिश हो सकती है।

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