ताजमहल के बंद बीस दरवाजों को खोलने वाली याचिका पर कल मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी | क्योंकि इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे | जिसके कारण सुनवाई अब 12 मई को होना प्रस्तावित है | अयोध्या के डॉ रजनीश सिंह की याचिका मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी | याचिका में इतिहासकार पी एन ओक की पुस्तक “ताजमहल” का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि ताजमहल वास्तव में तेजो महालय है | जिसे शाहजहाँ ने ताजमहल का नाम दिया | याचिका में इसी तथ्यों का पता लगाने वाली समिति बनाने व ताजमहल के बंद करीब 20दरवाजों को खोलने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया है | जिससे सत्यता सामने आ सके |