Friday , December 27 2024

“ट्रैफिक”आज के समय की सबसे बड़ी समस्या

पूनम शुक्ला : मुख्य प्रबन्ध संपादक :

राजधानी लखनऊ समेत सभी बड़े महानगरों में ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए तो बहुत प्रयास तो किए गए हैं, लेकिन अभी तक कोई भी सार्थक हल नहीं निकल सका है। इसके लिए कई स्तरों पर प्रयास किए जाने चाहिए और उनमें समन्वय भी हो।
चुनाव से पहले सभी उम्मीदवार ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर बात करते हैं ।खोखले दावे भी किए जाते हैं। लेकिन इस समस्या पर गंभीरता से कोई समाधान नहीं किया जाता।

मेरठ में भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल और सपा उम्मीदवार सुनीता वर्मा राजनीति रूप से भले ही एक दूसरे के विरोध में हो ,लेकिन कम से कम एक बात पर दोनों एकमत है कि शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर है और चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले वह इसके समाधान की कोशिश करेंगे। बातचीत सिर्फ मेरठ की नहीं है,वस्तुतः जाम की समस्या से प्रदेश के सभी महानगर जूझ रहे हैं, और उसका समाधान बड़े स्तरों की योजनाओं से हो सकता है।

जिसके लिए योजनाओं का प्रबंध सांसद या प्रशासन कर सकते हैं। मतदाता का भी दायित्व है कि वह अपने दरवाजे पहुंचने वाले प्रत्याशियों से इसका आश्वासन ले और जो भी प्रत्याशी जीते उस पर इस बात का दबाव डालें कि जाम से निपटने के लिए प्रभावी कार्य योजना जल्द बनाई जाए। लखनऊ का ही उदाहरण दे तो यहां संसद के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कई ओवर ब्रिज बनवाए। लेकिन यहां जाम का बड़ा कारण स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता है।

प्रतिबंधित मार्गों पर ई-रिक्शा की भरमार आदि को रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को संकल्प के साथ काम करना होगा । कानून व्यवस्था के मद्देनज़र यह सोचना होगा कि आखिर वन-वे मार्ग पर उल्टी दिशा से वाहन कैसे आ जाते हैं। यह सभी महानगरों की बड़ी समस्या है। एडीसीपी लॉ एंड ऑर्डर ने ट्रैफिक मैनेजमेंट एंड रोड सेफ्टी यूनिट के गठन का सुझाव दिया है। जिसमें विशेषज्ञ को शामिल किया जाना चाहिए। सभी बड़े महानगरों में ट्रैफिक जाम से निपटने का अब तक प्रयास तो कई किए गए लेकिन कोई सार्थक हल नहीं मिल सका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

two × 4 =

E-Magazine