केकेपी न्यूज़ ब्यूरो:
इलाहबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ कौशल जयेंद्र ठाकर व न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने ओम प्रकाश उर्फ़ जंगली की आपराधिक अपील की सुनवाई के दौरान जेल मैन्युअल को लेकर सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों की अवहेलना करने पर जेल महानिदेशक आनंद कुमार व विशेष सचिव (कारागार प्रशासन) एस के पाण्डेय को फटकार लगाते हुए कहा है कि “यदि एक घंटे के लिए आपको निरुद्ध कर लिया जाय तब पीड़ा पता चलेगी” |
खंडपीठ ने उपस्थित दोनों अधिकारियों से पूछा कि 32 वर्ष से हत्या के केस में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे जेल में बंद कैदी की रिहाई के लिए क्या कदम उठाये गए हैं | हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से भी सुप्रीमकोर्ट द्वारा सौदान सिंह केस में दिए गए निर्देश के पालन में प्रस्तावित नीतिगत तरीके की जानकारी मांगी है |
दरअसल,सौदान सिंह केस में सुप्रीमकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जिन दोषसिद्ध कैदियों ने 14 साल जेल में बीता लिए हैं और सजा के खिलाफ़ उनकी अपील की सुनवाई में देरी है | ऐसे कैदियों की रिहाई के लिए सरकार नीति तैयार कर उसे अमल में लाये |
इसका पालन नहीं करने पर कोर्ट ने आईजी कारागार व अन्य अधिकारियों को तलब करते हुए कहा था कि क्यों न इनके ऊपर अवमानना की कार्रवाई की जाय | साथ ही कोर्ट ने हाजिर हुए अधिकारियों से संतोषजनक जवाब न मिलने पर नाराजगी जताई |