केकेपी न्यूज़ ब्यूरो :
कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बी. वीरप्पा व न्यायमूर्ति के. एस. हेमलेखा की खण्डपीठ ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए कहा है कि अँधा प्यार, माता -पिता,परिवार और समाज के प्रेम व स्नेह से कहीं अधिक शक्तिशाली होता है | यही अँधा प्रेम युवक – युवतियों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह भी लगाता है |

इसके साथ ही अपने प्रेमी के साथ भागकर शादी करने वाली युवती को उसके प्रेमी के साथ रहने की अनुमति प्रदान कर दी साथ ही युवती को चेतावनी भी दी कि उसने अपने माता-पिता के साथ जो किया है कल को उसके बच्चे भी उसके साथ वही कर सकते हैं |

दरअसल,एक युवती के पिता टी एल नागराजू ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा था कि उनकी बेटी निसर्गा एक इंजीनियरिंग कालेज की छात्रा थी | वह कालेज के छात्रावास में ही रहती थी | एक दिन वह छात्रावास से ही गायब हो गई | उसका प्रेमी निखिल जो ऑटो रिक्शा चालक है उसे भगाकर ले गया |