Friday , December 27 2024

पटाखों से बढ़ा वायु प्रदूषण

पूनम शुक्ला:मुख्य प्रबंध संपादक:

क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से वायु प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। प्रदूषण का लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। विशेष तौर पर वायु प्रदूषण से नेत्र संबंधित गंभीर रोग होने का खतरा बना रहता है। लोगों में भी नेत्र संबंधित समस्याएं बढ़ रही है।
दिवाली के बाद से सांस संबंधी समस्याओं के मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। अधिकतर मरीज सांस लेने में कठिनाई, गले में खराश, और आंखों में जलन जैसी समस्याओं से परेशान हैं। डॉक्टर ने कहा कि पटाखों से निकलने वाला धुआं और रासायनिक प्रदूषक हवा में मिलकर लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहे हैं.सांस से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित छोटे बच्चे और बुजुर्ग इस प्रदूषित हवा से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

डॉक्टर की सलाह है कि प्रदूषण के इस दौर में लोग मास्क पहनकर बाहर निकलें, विशेषकर बुजुर्ग, छोटे बच्चे, और अस्थमा के मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। साथ ही, उन्होंने लोगों से कहा कि जब तक बहुत आवश्यक न हो, घर से बाहर निकलने से बचें, क्योंकि बाहर की हवा में प्रदूषण का स्तर अधिक है।
वायु प्रदूषण से आंखों में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। आंखों से बचाव के लिए आवश्यक है कि सुबह खुले मैदान और अच्छे वातावरण में व्यायाम करना चाहिए और घर से बाहर निकलते समय चश्मे का प्रयोग करे। आंखों में जलन, खुजली इत्यादि समस्या होने पर चिकित्सक से जांच करवानी चाहिए ताकि समय रहते उपचार किया जा सकें।

प्रदूषण का आंखों पर पड़ता है बुरा प्रभाव
वायु प्रदूषण के कारण आंखों में पर्याप्त आंसू नहीं बन पाते हैं, जिससे आंखों को ठीक से नमी और पोषण नहीं मिल पाता। वहीं लंबे समय तक प्रदूषित क्षेत्र में रहने से मोतियाबिंद और धुंधली दृष्टि जैसी गंभीर आंखों की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
प्रदूषण से कई तरह की समस्याएं होती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आंखों में बढ़ता प्रदूषण कई तरीकों से शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इसका सबसे ज्यादा असर लंग्स पर होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पॉल्यूशन का आंखों पर भी गंभीर असर हो सकता है। इससे आंखों में ड्राई आई सिंड्रोम और आई स्ट्रोक तक की समस्या हो सकती है।

प्रदूषण से आंखों के बचाव के लिए आवश्यक है कि घर से बाहर निकलते समय चश्मे का प्रयोग करें व समय-समय पर आंखों को ठंडे पानी से धोएं। सुबह-सुबह ताजी हवा में घूमना भी आंखों के लिए फायदेमंद रहता है।

इस कारण नागरिक अस्पताल में आंखों की जांच करवाने आने वाले मरीजों की ओपीडी संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। सामान्य दिनों में नेत्र रोग ओपीडी की संख्या प्रतिदिन 100 से 120 के बीच बनी रहती है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से नेत्र रोग ओपीडी की संख्या प्रतिदिन 150 से ज्यादा दर्ज की जा रही है। नेत्र जांच करवाने वाले अधिकतर लोग आंखों में जलन, खुजली, आंखों का लाल होना और आंखों से पानी बहना जैसी समस्याओं से पीड़ित है। दिवाली पर्व के बाद संभावना है कि आगामी कुछ दिनों में नेत्र ओपीडी की संख्या प्रतिदिन 200 या इससे ज्यादा पहुंच सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

sixteen − 2 =

E-Magazine